2 December 2024
गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व बना, नोटिफिकेशन जारी
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गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व बना, नोटिफिकेशन जारी

Sarguja express…..

देश का तीसरा बड़ा टाइगर रिजर्व आया अस्तित्व में, 4 जिलों में फैला है एरिया

अम्बिकापुर।छत्तीसगढ़ सरकार ने गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला अभ्यारण्य को मिलाकर गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व बनाने की अधिसूचना जारी कर दी है। यह देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है। टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 2829.387 वर्ग किलोमीटर है। इसकी सीमाएं चार जिलों एमसीबी, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर तक फैली हुई हैं। टाइगर रिजर्व के लिए केंद्र सरकार से वर्ष 2021 में सहमति मिली थी। इसका नोटिफिकेशन 4 नवंबर को छत्तीसगढ़ के राजपत्र में जारी कर दिया गया था। अब छत्तीसगढ़ में टाइगर रिजर्व की संख्या चार हो गई है। गुरु घासीदास नेशनल पार्क और तमोर पिंगला को मिलाकर साल 2021 में टाइगर रिजर्व बनाया गया था, लेकिन विरोध के कारण अस्तित्व में नहीं लाया जा सका था। इस क्षेत्र में कई खदानें होने कारण नेशनल पार्क और अभ्यारण को टाइगर रिजर्व घोषित करने का नोटिफिकेशन कांग्रेस शासन काल में रुका हुआ था।
साल 2012 में छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती रमन सरकार ने गुरु घासीदास नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व बनाने का ड्राफ्ट राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) को भेजा था। जिसके बाद एनटीसीए ने गुरु घासीदास नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व के रूप में मंजूरी दी। लेकिन कांग्रेस शासन में रिजर्व एरिया के कोल ब्लॉक, आइल ब्लॉक और मिथेन गैस ब्लॉक होने के कारण मामला अटक गया था।

टाईगर रिजर्व के बाद चुनौतियां भी

केंद्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल पार्क में 35 राजस्व गांव और कोर एरिया के 5 किमी के दायरे में 43 गांव हैं। इन 78 गांवों में 10 हजार के करीब लोग हैं। 15 हजार मवेशी भी हैं।
आज तक ग्रामीणों को यह नहीं बताया गया कि, बाघ समेत अन्य वन्य जीवों से कैसे बचना है या कैसे तालमेल बैठाना है ? दो साल में दो बाघों की संदिग्ध मौतें हुईं। क्षेत्र बाघ के अलावे तेंदुआ, भालू व हाथी सहित 26 प्रकार के जीवों का आवास है।

देश का तीसरा बड़ा टाईगर रिजर्व

गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टाईगर रिजर्व देश का तीसरा बड़ा टाइगर रिजर्व बन गया है। आंध्रप्रदेश का नागार्जुनसागर श्रीसैलम टाइगर रिजर्व 3296.31 वर्ग किमी के साथ देश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है। असम का मानस टाइगर रिजर्व 2837.1 वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ दूसरा बड़ा टाइगर रिजर्व है।

केंद्रीय प्रोटोकॉल के हिसाब से 400 से अधिक स्टाफ मिलेगा

गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व पर सीधे एनटीसीए के प्रोटोकॉल लागू आ जाएंगे। यानी एनटीसीए फंड जारी करेगा। कंजर्वेशन, मॉनिटरिंग, वॉटर बॉडी डेवलपमेंट, रेगुलर पेट्रोलिंग, वेरियर और स्टॉफ की नियुक्तियां। हर बीट में 2 बीट गार्ड होंगे। इन चीजों को बढ़ावा मिलेगा। हर साल एनटीसीए कैमरा ट्रेपिंग होगी। इन सभी गतिवि धियों के लिए केंद्र-राज्य सरकारों से अतिरिक्त बजट मिलेगा। केंद्रीय प्रोटोकॉल के हिसाब से 400 से अधिक स्टाफ मिलेगा।

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