दीपक सराठे
अम्बिकापुर।भारतीय कला व कला जगत के लिए एक जाना मन नाम है चित्रकार गोविन्द विश्वास सिर्फ उन्होंने अपनी ख्याति अपने कला के माध्यम से ही नही बल्कि कला संवाद के माध्यम से भी भारतीय कला जगह में एक अलग पहचान बनाई है।
कैटोग्राफिक इम्प्रेशन नामक गोविन्द विश्वास की यह एकल प्रदर्शनी आरुषि आर्ट्स,ग्रेटर कैलाश ,नई दिल्ली में 21 जुलाई से 21 सितंबर तक चलने वाली है। इस प्रदर्शनी में गोविन्द विश्वास के लगभग 40 चित्रों को प्रदर्शित किया गया है। जिसमे एक्रेलिक ओर केनवास ,व विशेष माध्यम लेटेक्स में जो गोविन्द विश्वास काम करते है। जिसके लिए अमेरिका के पोलाक क्रासनेर फाउंडेशन द्वारा गोविन्द विश्वास को 2012 व 2018 में सम्मनित किया गया था ,उस माध्यम के चित्रों को भी इस प्रदर्शनी में देखा जा सकता है।
गोविन्द विश्वास से खास बातचीत में हमे यह पता चला कि यू तो चित्रों बनाने की प्रक्रिया लगातार चलती रहती है परन्तु इस प्रदर्शनी के लिए उन्हीने 2 महीने का समय लिया और ये सभी काम तैयार किये। उनके कार्य शैली में मैपिंग मुख्य बिन्दुओ को दर्शाता है।या यूं कहें कि मानचित्र की एक परिभाषा को उन्होंने अपनी भाषा बनाई।जिसमे रोजमर्रा के जीवन को दर्शाने का प्रयत्न उन्हीने किया है। इसमें सबसे बड़े चित्र लगभग 36 x 84 ओर सबसे छोटे चित्रों में 8×12 जल रंगों में प्रदर्शित किए है। वास्तिवकता से परे इन चित्रों को देखने की एक अलग ही अनिभूति होती है। जो कि दर्शकों के मन मस्तिष्क को एक अलग सा सुकून देती है।