बतौली (मुकेश कुमार गुप्ता) ।विकास खण्ड में करोड़ों रुपए की स्कूल मरम्मत का कार्य चल रहा है,स्कूल खुले एक पखवाड़े होने को हैं परंतु कई स्कूल अभी भी तैयार नही हुए हैं जिससे जर्जर भवनों में बच्चों को पढ़ने को बैठाया जा रहा है।
जर्जर भवन के मरम्मत कार्य की स्वीकृति स्कूल खुलने पर स्कूली बच्चों को बैठाने पढ़ाने हेतु शिक्षक शिक्षिकाओं के लिए मुसीबतों का पहाड़ बना हुआ है।बरसात के मौसम में हो रहा मरम्मत कार्य सब पर भारी पड़ रहा है।जहाँ बच्चो को पढ़ाया जा रहा है वहाँ जगह जगह पानी टपक रहा है।
गौरतलब है कि विकासखंड बतौली के माध्यमिक शाला, प्राथमिक शाला के जर्जर भवनों हेतु मरम्मत कार्य की करोड़ों रुपए की स्वीकृति मिली हुई है। लेकिन सही मानिटरिंग के अभाव में कार्य की गति धीमी हो गई है। जिसके परिणाम स्वरूप बच्चों को भवन की कमी से बारिश के मौसम में स्कूल खुलने पर पेड़ के नीचे और बारिश होने पर एक ही रूम में भेड़ बकरियों की तरह ठूंसकर बैठाया और पढ़ाया जा रहा है।
विकासखंड बतौली के लिए प्राथमिक शाला का मरम्मत कार्य वहां कहीं कहीं पदस्थ प्रधान पाठक द्वारा कराया गया है और कहीं कहीं ठेकेदार द्वारा करवाया भी जा रहा हैं। जबकि माध्यमिक शाला का मरम्मत कार्य ठेकेदारों द्वारा करवाया जा रहा हैं। जिसका निर्माण एजेंसी आरईएस विभाग बतौली है। माध्यमिक शाला हेतु विकासखंड में 53 जर्जर भवनों की स्वीकृति मरम्मत कार्य हेतु की गई है। जिसके अनुमानित राशि ढाई लाख से 3 लाख सत्तर हजार रुपए तक की स्वीकृति मिली है।
स्वीकृति मिलने के बाद देर से काम प्रारंभ किया गया।जिसके परिणाम स्वरूप 53 भवनों में से 8 भवन का ही मरम्मत कार्य पूर्ण हो सका है। बाकी भवनों का मरम्मत कार्य बारिश तथा अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के अभाव में कछुए की चाल चल निर्माण हो रहा है।
धीमी निर्माण गति का आलम यह है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 43 से सटे ग्राम पंचायत बेलकोटा स्थित माध्यमिक शाला बैगापारा का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है।और यहां अध्ययनरत 22 स्कूली बच्चों को जर्जर भवन से भी खतरनाक खंडहर भवन के एक कमरे में ही कक्षा छठवीं से लेकर आठवीं तक के बच्चों को बैठाकर पढ़ाया जा रहा है।जो बच्चों सहित शिक्षक शिक्षिकाओं के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है
22 बच्चो को पढ़ाने 5 शिक्षक
कक्षा छठवीं से लेकर आठवीं तक के 22 बच्चों को पढ़ाने हेतु बैगापारा बेलकोटा माध्यमिक शाला में प्रधान पाठक के साथ एक शिक्षक और 3 शिक्षिकाएं हैं। सोचा जा सकता है की सिर्फ 22 बच्चों को पढ़ाने हेतु 5 शिक्षक शिक्षिकाएं हैं। विकासखंड के अन्य स्कूलों में कक्षा छठवीं से लेकर आठवीं तक के डेढ़ सौ बच्चों की जनसंख्या पर प्रधान पाठक के साथ एक शिक्षक पढ़ाने में लगे हुए हैं जो एक गंभीर विषय है जहां उच्च अधिकारियों की पैनी नजर नहीं पड़ती है।
मरम्मत शीघ्र पूरा करने दिए हैं निर्देश-एसडीओ
स्कूल के जर्जर भवनों के मरम्मत कार्य की धीमी गति पर बतौली के आर ई एस विभाग के एसडीओ चंद्रभान कुमार ने बताया कि भवन के मरम्मत कार्य प्रगति पर है जिसे शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए है।