अंबिकापुर.इंसानों की तरह नहीं बोल पाता… परंतु इंसानों के सारे कार्य करता था…अजीबो गरीब बकरा..’शेरु’ पूरे क्षेत्र का था गौरव था.घर के सामने से ‘शेरु’ को दिनदहाड़े कार सवार लोगों के द्वारा चोरी करके ले जाने के बाद मामले में एफआरआई जरूरी परंतु आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है.क्षेत्र के भारी संख्या में लोग पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और शेरु के खोजबीन करने की गुहार लगाई.पूरा मामला रघुनाथपुर चौकी का है.
जानकारी के अनुसार रघुनाथपुर निवासी सुरेश कुमार गुप्ता पिता स्व. राम प्रसाद गुप्ता का बकरा (शेरू) को 08 फरवरी को सुबह लगभग 07:30 हुण्बई वर्ना कार जिसका क्र. CG07CP1177 में दिन दहाडे लोड कर अज्ञात लोग चोरी करके ले गए. जिसकी तत्काल सूचना पुलिस चौकी रघुनाथपुर में दर्ज कराई गई है। CCTV CAMERA से प्राप्त महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने के पश्चात् भी पुलिस द्वारा गम्भीरता पूर्वक कार्यवाही नहीं की गई है। सम्बधित बकरा लगभग 01 क्वि. 20 किग्रा का था और घर के सदस्य के बराबर था। उम्र-06 वर्ष का था। आरोप है कि सूचना के बाद रघुनाथपुर पुलिस द्वारा राहुल गांधी के कार्यक्रम का हवाला देकर 03-04 दिन तक कार्यवाही रोक दी गई, जिसका फायदा उठाते हुए आरोपी द्वारा बकरे को बेफीक्र होकर टोल प्लाजा पार करते हुए भिलाई ले जाया गया, जिसकी CCTV फुटेज भी रघुनाथपुर पुलिस को प्राप्त हो चुकी है और आरोपी चोर के संबंध में पुख्ता जानकारी नाम और गाड़ी नम्बर सहित मेरे द्वारा रघुनाथपुर पुलिस को उपलब्ध करा दिया गया है।
उपरोक्त प्रकरण पर रघुनाथपुर पुलिस की कार्य प्रणाली अत्यन्त ही सुस्त और संदेहास्पद नजर आ रही है। पुलिस को मेरे द्वारा समस्त साक्ष्य CCTV फुटेज एवं बकरा चोर की समस्त गतिविधियां घर का पता सहित उपलब्ध करा दिया गया है। उक्त प्रकरण के जांच के लिए चौकी प्रभारी द्वारा नियुक्त जांच अधिकारी संत कुमार चौहान से कार्यवाही के संबंध में लगातार आग्रह किये जाने पर उक्त अधिकारी के द्वारा धमकी देते हुए फांसी लगा लेने की बात कही जाती है। जिससे उनके कार्य प्रणाली पर संदेह प्रकट हो रहा है और आरोपी को पकड़ने में रघुनाथपुर पुलिस की नाकामी जग जाहिर हो रही है।
उक्त प्रकरण महज बकरा चोरी का नहीं है। जिन तरीको का इस्तेमाल करते हुए चोरों ने उक्त घटना को अंजाम दिया है, वह रघुनाथपुर पुलिस की नाकामी को प्रदर्शित कर रहा है। उक्त घटना के बाद पूरे रघुनाथपुर क्षेत्र में दहशत का माहौल है। लोगों को अपने मासूम बच्चों के सूरक्षा के प्रति भय व्याप्त हो गया है। अब लोग अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहें है।