18 October 2024
हाईटेक पैथोलैब ‘हमर लैब,की रिपोर्ट में गड़बड़ी… मरीज का हीमोग्लोबिन रिपोर्ट में बताया 36.5….. शासन की महत्वाकांक्षी योजना पर पलीता लगा रहे जिम्मेदार,वायरल हो रही रिपोर्ट… जिम्मेदार कह रहे प्रिंटिंग मिस्टेक… फिर रिपोर्ट जारी करने वाले का क्या..?
राज्य स्वास्थ

हाईटेक पैथोलैब ‘हमर लैब,की रिपोर्ट में गड़बड़ी… मरीज का हीमोग्लोबिन रिपोर्ट में बताया 36.5….. शासन की महत्वाकांक्षी योजना पर पलीता लगा रहे जिम्मेदार,वायरल हो रही रिपोर्ट… जिम्मेदार कह रहे प्रिंटिंग मिस्टेक… फिर रिपोर्ट जारी करने वाले का क्या..?

अंबिकापुर। मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में स्थापित हाईटेक पैथोलैब हमर लैब के जरिए 100 से ज्यादा तरह की जांच की सुविधा मरीजों को मिल तो रही है लेकिन इस बड़ी सुविधा पर भी जिम्मेदार पलीता लगाने से नहीं चूक रहे हैं। हमर लैब की एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें मरीज का हीमोग्लोबिन 36.5 लिखकर उसे दे दिया गया। अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से जांच रिपोर्ट में जिम्मेदार अनदेखी कर रहे हैं। पूर्व में जांच संबंधी कई मामले सामने आने के बाद भी ना तो जिम्मेदार इस दिशा में सख्त हो सके ना ही इस प्रकार की रिपोर्ट जारी करने वालों पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई हो सकी।

गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हमारे लैब की स्थापना के दौरान डीन व एमएस ने हमर लैब का निरीक्षण कर  संतोष जताया था। इस लैब के जरिए
जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सीएचसी सहित अन्य शासकीय अस्पतालों से सैंपल कलेक्शन कर की जांच की बड़ी सुविधा शासन के द्वारा दी गई है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में लोगों को सुविधा मुहैया कराने स्वास्थ्य मंत्री की लगातार कोशिश रही है। उनकी पहल पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आधुनिक पैथोलैब बन कर तैयार हो गया। मरीजों को अत्याधुनिक हमर लैब की सुविधाएं मिलनी भी शुरू हो गई। इस लैब के माध्यम से 100 से ज्यादा तरह की जांच की सुविधा मरीजों को मिल रही है परंतु जांच रिपोर्ट में अनदेखी की शिकायतें भी अब सामने आने लगी है। कुल मिलाकर शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना पर अस्पताल में बैठे जिम्मेदार पलीता लगाने पर तुले हुए हैं।

दरअसल मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे एक मरीज के द्वारा 8 अगस्त को हमर लैब में खून की जांच करने रजिस्ट्रेशन कराया गया था। 8 अगस्त को 1:19 35 सेकंड पर उसका सेंपल  लिया गया। 10 अगस्त को रिपोर्ट प्रिंट करने के बाद मरीज को रिपोर्ट दिया गया। उक्त रिपोर्ट में मरीज का हीमोग्लोबिन 36.5 बताया गया। रिपोर्ट लेकर मरीज जब संबंधित विभाग में चिकित्सक को दिखाने पहुंचा तो रिपोर्ट देखकर चिकित्सक भी हैरान थे। हालांकि चिकित्सक ने इसकी जानकारी संबंधित विभाग को या अधिकारियों को दी या नहीं इसकी जानकारी तो नहीं है परंतु अब यह रिपोर्ट वायरल हो रही है।इस संबंध मे डीन रमनेश मूर्ति से सवाल किया गया तो उन्होंने अधीक्षक से पूछने की बात कहते हुए पल्ला झाड़ लिया।

देख कर देना था रिपोर्ट-अधीक्षक

मेडिकल कॉलेज अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर आर्या ने कहा कि रिपोर्ट में प्रिंटिंग मिस्टेक हो सकता है। हालांकि जिसके द्वारा रिपोर्ट जारी की गई है उसे भी रिपोर्ट को देख कर देना चाहिए था।

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