अम्बिकापुर।सरगुजा सर्वदलीय रेल संघर्ष समिति ने रेणुकूट से अंबिकापुर तक रेल जुड़ाव हेतु चार दिवसीय जन चेतना पद यात्रा की तैयारियां प्रारंभ कर दी है। रेल संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने रेणुकूट तक का प्रवास कर, पद यात्रा की व्यवस्था स्वरूप और योजनाओं को लेकर इस अभियान में उत्तर प्रदेश से जुड़े जनप्रतिनिधियों व संगठनों के साथ विचार विमर्श किया।
सरगुजा रेल संघर्ष समिति के इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल मुकेश तिवारी ने बताया कि रेल विस्तार के इस अभियान को गति देने के लिए आयोजित, जन चेतना पदयात्रा 1 सितंबर शुक्रवार को प्रातः रेणुकूट रेलवे स्टेशन से प्रारंभ होगी। पदयात्रा शुभारंभ के अवसर पर राज्यसभा सांसद रामसकल, उत्तर प्रदेश सरकार में समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव गोड के साथ राष्ट्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्श दात्री काउंसिल एन आर यू सी सी रेल मंत्रालय के सदस्य श्रीकृष्ण गौतम विशेष रुप से उपस्थित रहेंगे।
जन चेतना पदयात्रा अपने प्रथम दिवस, सोनभद्र जिले में प्रस्तावित किरविल और करकछी रेलवे स्टेशन से होती हुई बभनी तक पहुंचेगी, जहां सेवा कुंज आश्रम कारीडांड,चपकी में पहले दिन का रात्रि विश्राम होगा। 2 सितंबर शनिवार को दोपहर के बाद, पद यात्रा छत्तीसगढ़ राज्य में प्रवेश करेगी। दूसरे दिन की पदयात्रा, बलरामपुर जिले में प्रस्तावित पशुपतिपुर और वाड्रफनगर स्टेशनों से गुजरेगी।पदयात्रा के दूसरे दिन का रात्रि विश्राम वाड्रफनगर नगर में रहेगा।
सरगुजा सर्व दलीय रेल संघर्ष समिति की यह जन चेतना पदयात्रा उत्तर प्रदेश राज्य में लगभग 50 किलोमीटर और छत्तीसगढ़ राज्य में 100 किलोमीटर की होगी।
पदयात्रा के दौरान अंबिकापुर रेणुकूट रेल मार्ग निर्माण की मांग के समर्थन में पंपलेट वितरण, हस्ताक्षर अभियान के साथ संबंधित पंचायतों एवं जनप्रतिनिधियों से समर्थन पत्र लेने की मुहिम भी चलाई जाएगी। सभी प्रस्तावित रेलवे स्टेशनों में नुक्कड़ सभा आयोजित करने के साथ पौधारोपण कार्यक्रम भी किया जाएगा।
रेल संघर्ष समिति के इस प्रतिनिधिमंडल ने प्रस्तावित स्टेशन के जनप्रतिनिधियों व वहाँ निवासरत नागरिकों से भी सम्पर्क कर पदयात्रा के अभियान की जानकारी दी। स्थानीय लोगों ने इसमें सहभागिता के साथ सहर्ष सहयोग के लिए आश्वस्त किया।
रेल संघर्ष समिति के रेणुकूट प्रवास पर गए प्रतिनिधि मंडल में वरिष्ठ भाजपा नेता चंद्रशेखर तिवारी,पार्षद रमेश जायसवाल, अधिवक्ता रमेश द्विवेदी एवं अंचल ओझा शामिल थे।