अम्बिकापुर।विधानसभा निर्वाचन 2023 के तहत पहली बार होम वोटिंग की शुरुआत की गई है, जिसमें दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं को वोट डलवाने के लिए मतदान दल के सदस्य घर तक पहुंच रहे है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार शारीरिक रूप से असक्षम मतदाताओं को यह सुविधा दी गई है। जिले में गुरुवार को मतदान कराने का काम शुरू हो गया है, सुबह मत पेटियों एवं बैलेट पेपर लेकर जिला कलेक्टरेट से कुल 20 मतदान दल रवाना हुए। दुर्गम रास्तों को पार कर जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं तक पहुंचकर वोट डलवाए गए। इसके साथ ही भटगांव विधानसभा अंतर्गत भी एक दल के जरिए जिले के 2 मतदाताओं को होम वोटिंग कराई गई है।
जिले के तीनों विधानसभा में कुल 172 बुजुर्गों और दिव्यांगों ने घर से वोट डालने हेतु आवेदन भरा था। उसके बाद आज विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग मतदान दल इन बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के घर पहुंचे और पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डलवाया, वहीं घर पर मतदान के दौरान गोपनीयता और सुरक्षा का खास ख्याल भी रखा गया। मतदान के लिए बकायदा वोटिंग कंपार्टमेंट बनाया गया था। वोट डालने में असमर्थ मतदाताओं के लिए परिवार के किसी सदस्य को सहयोगी के रूप में वचनपत्र भरकर वोट डलवाने में मदद करवाया गया। निर्वाचन आयोग की इस पहल से मतदाताओं में भरपूर उत्साह दिखा, मतदाताओं तथा उनके परिवार जनों ने इस हेतु आयोग की तारीफ की और इस सुविधा के लिए धन्यवाद दिया।
निर्वाचन आयोग की पहल रही बेहद सुविधाजनक, 100 वर्षीय बुजुर्ग धुमरी बाई और निशक्त कुदरत अली ने सहयोगी मतदाता के जरिए दिया वोट
होम वोटिंग में सबसे अधिक उम्र की मतदाता अम्बिकापुर विधानसभा से जोगीबांध रामपुर की 100 वर्षीय धुमरी बाई रही। होम वोटिंग कराए जाने पर उनके परिवार ने काफी खुशी जताई। चलने-फिरने में असमर्थ अंबिकापुर, मोमिनपुरा के 85 वर्षीय बुजुर्ग कुदरत अली खान ने अपने पुत्र श्री मुसर्रत अली के सहयोग से मत डाला। श्री अली ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की इस पहल से उनके पिता को इस अवस्था में भी देश के मजबूत लोकतंत्र के लिए भूमिका निभाने में आसानी हुई, उन्होंने इस सुविधा पर खुशी जाहिर की।
दिव्यांगजनों ने कहा इस सुविधा से मतदान केंद्र तक आवागमन की दुविधा हुई दूर
इसी तरह सबसे कम उम्र के वोटर सीतापुर विधानसभा से 26 वर्षीय दिव्यांग मतदाता सिलास खलखो हैं। दिव्यांग मतदाता धर्मेंद्र ने इस सुविधा पर बेहद खुशी जताई। उन्होंने कहा कि घर में मतदान की सुविधा मिलने से मताधिकार का उपयोग कर पाने में सहूलियत मिली।
होम वोटिंग की सुविधा मिलने से मतदाता अमित कुमार राजवाड़े काफी उत्साहित हैं, 2014 से व्हीलचेयर पर हैं। अमित बताते हैं पहले वोट डालने जाने में काफी दिक्कत होती थी, पर अब निर्वाचन आयोग द्वारा घर पर मतदान की सुविधा ने इस परेशानी को दूर कर दिया है।
अस्थिबाधित 48 वर्षीय दिव्यांग मतदाता पंकज गुप्ता होम वोटिंग की सुविधा हेतु भारत निर्वाचन आयोग, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय एवं जिला निर्वाचन अधिकारी को धन्यवाद करते हैं।
एक वोटर के लिए दुर्गम पहाड़ी रास्तों पर लगभग 5 किमी चलकर मतदान दल पहुंचा मतदाता के घर,
दुर्गम रास्तों पर चलकर मतदान दल दूरस्थ गांवों में होम वोटिंग के तहत डाक मतपत्र से मतदान कराने पहुंचे। होम वोटिंग में जिले के मतदान दलों ने बेहद उत्साह से अपनी भूमिका निभाई जिसका उदाहरण है कि लुण्ड्रा विधानसभा के अंतर्गत ग्राम बरौली की 81 वर्षीय मतदाता सुकनी को होम वोटिंग कराने मतदान दल 5 किमी पहाड़ी रास्ते पर चढ़कर मतदान कराने पहुंचा और सफलतापूर्वक अपने कर्तव्य का निर्वहन किया। इस तरह निर्वाचन आयोग की पहल पर होम वोटिंग के माध्यम से ऐसे मतदाताओं को बेहद सहूलियत हुई है। अब इन पोस्टल बैलेट पेपर के माध्यम से हुए वोटिंग की गणना भी 3 दिसंबर को मतगणना दिवस पर होगी।
भारत निर्वाचन आयोग और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के निर्देशों के अनुरूप जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराई गई होम वोटिंग की सुविधा पर मतदान दलों ने मतदाताओं से उनका अनुभव जाना, जहां मतदाताओं ने उत्साह जाहिर कर बताया कि यह सुविधा बहुत अच्छी है। पहले असमर्थता के कारण मतदान केंद्र तक जाकर वोट करने में सोचना पड़ता था, पर अब इस सुविधा से हमें अपने मताधिकार का उपयोग करने में आसानी हुई है।