22 November 2024
बोल बम की अनुगूंज के साथ हजारों कांवरिया कैलाश गुफा के लिए रवाना,शहर में उल्लास
आस्था राज्य

बोल बम की अनुगूंज के साथ हजारों कांवरिया कैलाश गुफा के लिए रवाना,शहर में उल्लास

अंबिकापुर। पवित्र श्रावण मास में श्री कैलाश नाथेश्वर धाम यात्रा के लिए बुधवार को हजारों कावरियो का जत्था अंबिकापुर से रवाना हुआ। शंकरघाट बांकी नदी तट से जल उठाकर गेरूवा वस्त्र धारण किए हजारों कांवरिया लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित कैलाश गुफा के लिए निकले। बोल बम की अनुगूंज के बीच पदयात्रा करते हुए श्री कैलाश नातेश्वर धाम के लिए निकले श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर था। शहर में भी भक्ति और उल्लास के माहौल के बीच बड़ी संख्या में लोग सड़क के दोनों ओर खड़े होकर इस अद्भुत नजारे को देख रहे थे। भगवान भोलेनाथ के गीतों व बाजे-गाजे के साथ निकले इस अद्भुत यात्रा से नगर का माहौल भक्तिरस में डूबा रहा। अंबिकापुर से लेकर बतौली तक भक्ति और उल्लास के बीच कांवरियों का रेला लगा रहा। जगह-जगह कांवरियों के लिए जलपान की व्यवस्था की गई थी।

सरगुजा कांवरिया सेवा संघ के तत्वावधान में शुरू हुई कांवर पदयात्रा में सरगुजा सहित कोरिया, रायगढ़, जशपुर जिले के मनेंद्रगढ़, चिरमिरी, बैकुंठपुर सहित उत्तरप्रदेश व झारखंड जिले के श्रद्घालु भी इस यात्रा में शामिल होने लगे हैं। मंगलवार की दोपहर बाद से ही जिले व आसपास के जिलों व प्रांतों से कांवरियों का पहुंचना शुरू हो गया था। मंगलवार शाम यात्रा में जरूरत पड़ने वाले हर तरह के सामानों की जमकर खरीदारी कांवरियों ने देर रात तक की। नगर निगम स्कूल मैदान में भक्ति गीत संगीत के कार्यक्रम में श्रद्धालु जमकर थिरके। शनिवार-रविवार की मध्यरात्रि के बाद एक बजे से ही स्थानीय शंकरघाट में बांकी नदी से जल उठाने कांवरियों का हुजूम उमड़ पड़ा।
हजारों कांवरियों ने शंकरघाट में ही अपना पड़ाव डाल रखा था। ऐसा अद्भूत संगम जिले में इसी समय देखने को मिलता है जहां एक ही गेरूवा वस्त्र में सारे शिवभक्त नजर आते हैं। शंकरघाट से नाचते-गाते उत्साह व उमंग के साथ कांवरियें पावन यात्रा के लिए निकल पड़े थे। पौ फटने के बाद तक कई कांवरिये लुचकी घाट, काली मंदिर चेंद्रा तक पहुंच चुके थे। छोटे बच्चों के साथ युवा, बुजुर्ग व महिलाएं भी बोलबम का जयघोष कर पूरे उत्साह के साथ कैलाशनाथेश्वर धाम में जलाभिषेक के लिए निकले।अंबिकापुर से बतौली तक हर जगह सिर्फ गेरूवा वस्त्रधारी कांवरिये ही नजर आ रहे थे। पूरा नजारा बाबाधाम जैसा प्रतीत हो रहा था। रास्ते भर विभिन्न संगठनों द्वारा कांवरियों का स्वागत, जलपान व नाश्ते की व्यवस्था की गई थी। यात्रा स्थानीय शंकरघाट से प्रारंभ होकर लुचकी, चेंद्रा, लमगांव होते देर शाम बतौली पहुंचेगी। यहां भोले भक्तों के लिए रात्रि जागरण का कार्यक्रम भी रखा गया है। गुरुवार को कांवरिया बतौली से यात्रा प्रारंभ कर बिलासपुर, बासांझाल होते हुए कैलाश गुफा पहुंचेंगे।

जगह-जगह जलपान, नाश्ते, खाने की व्यवस्था

कांवड़ यात्रा के मद्देनजर जिला और पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा और चिकित्सा के इंतजाम किए हैं। वहीं सेवाभावी लोगों ने कई स्थानों पर नाश्ते, फल वितरण और भोजन की व्यवस्था की है। सुरक्षा के लिए पुलिस जवानों को भी तैनात किया गया है।

भारी वाहनें रही बंद, बाद में लगा जाम

सरगुजा पुलिस ने कांवड़ यात्रा के लिए नेशनल हाइवे- 343, रामानुजगंज मार्ग में भारी वाहनों का प्रवेश देर शाम से रोकते हुए रूट डायवर्ट कर दिया है। वहीं अंबिकापुर से बतौली तक एन एच-43 पूरे दिन भारी वाहनों के लिए प्रतिबंधित रही। दोपहर बाद वाहनों की आवाजाही शुरू की गई तो कई मार्ग में जाम लग गया। बिलासपुर मार्ग में कई किलोमीटर तक बिलासपुर चौक से लेकर मणिपुर थाने तक बड़े वाहनों की कतार लगी थी। रिंग रोड में भी यही हाल था। बिलासपुर चौक पर यातायात पुलिस कर्मी सहित मणिपुर थाना पुलिस घंटो तक मशक्कत करते हुए यातायात को सुचारु किया।

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