Sarguja express…..
अंबिकापुर:क्षत्रिय महिला समिति ने अपने सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन करते हुए रविवार को गोद लिए गए घंघरी ग्राम में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया। यह शिविर विशेष रूप से ग्रामवासियों और पहाड़ी कोरवा समुदाय के बच्चों के लिए ग्राम घंघरी स्थित कोरवा छात्रावास परिसर में आयोजित किया गया।शिविर के दौरान लगभग 200 कोरवा बच्चों और 50 से अधिक ग्रामवासियों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। आवश्यकतानुसार मरीजों को निःशुल्क दवाइयां भी प्रदान की गईं। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण व आदिवासी समुदाय को स्वास्थ्य सुविधाओं से जोड़ना और उनके जीवन स्तर में सुधार लाना था।शिविर में कई चिकित्सकों ने अपना अमूल्य योगदान दिया। इनमें प्रमुख रूप से डा योगेंद्र सिंह गहरवार यूरोलाजिस्ट,डा अपेक्षा सिंह गहरवार स्त्रीरोग विशेषज्ञ,डा अभिजीत जैन नेत्र रोग विशेषज्ञ, डा शिखा, डा रुचिका तथा डा युवराज ने मरीजों का परीक्षण कर परामर्श दिया। विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपस्थिति से लोगों को विशेष लाभ मिला और ग्रामीणों ने इस आयोजन की हृदय से सराहना की।शिविर की संपूर्ण व्यवस्था और संचालन में कोरवा बालिका छात्रावास की अधीक्षिका सुशीला का विशेष सहयोग रहा। उन्होंने आयोजन समिति को हर संभव सहायता प्रदान की। स्वास्थ्य परीक्षण उपरांत सभी लाभार्थियों को नाश्ता एवं फल वितरित किए गए, जिससे बच्चों और ग्रामीणों में उत्साह का माहौल देखने को मिला।कार्यक्रम में क्षत्रिय महिला समिति की कई सदस्य सक्रिय रूप से मौजूद रहीं और शिविर को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनमें प्रमुख रूप से लतिका सिंह, आशा सिंह राणा, उर्मिला सिंह, पूजा सिंह, किरण सिंह, वसुधा सिंह, माया सिंह, शांता सिंह, अर्चना सिंह, भारती सिंह, लक्ष्मी सिंह, महिमा सिंह, प्रियंका सिंह, सीमा सिंह एवं इंदु सिंह शामिल थीं। सभी ने मिलकर स्वास्थ्य परीक्षण, दवा वितरण और फल वितरण की व्यवस्था में सक्रिय सहयोग दिया।समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि उनका उद्देश्य केवल स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना नहीं है, बल्कि आदिवासी और ग्रामीण समुदाय में स्वास्थ्य जागरूकता का प्रसार करना भी है। आने वाले समय में भी समिति इस तरह के शिविरों का आयोजन कर सामाजिक सरोकारों से जुड़े कार्यों को आगे बढ़ाती रहेगी।ग्रामवासियों और बच्चों की मुस्कान से यह साफ झलक रहा था कि यह शिविर उनके लिए कितना उपयोगी साबित हुआ। समिति की यह पहल ग्रामीण समाज में सेवा, सहयोग और समर्पण की सच्ची मिसाल बनी।

