रामानुजगंज। नगर सीमा से 8 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम मितगई में कीटनाशक खीरा की फसल में डाला गया था। अनजाने में मवेशी चराने गए घर के मुखिया के द्वारा खीरा तोड़कर घर ले जाया गया जिसे परिवार के सभी लोगों के द्वारा खा लिया गया। कीटनाशक लगा खीरा खाने से घर में सब लोगो को दस्त होने लगा। वही घर के मुखिया की स्थिति गंभीर हो गई, जिसे पहले जिला अस्पताल फिर अंबिकापुर ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
किस प्रकार से क्षेत्र में कीटनाशक का प्रयोग तेजी से किया जा रहा है एवं कीटनाशक किस प्रकार से हानिकारक सिद्ध हो रहा हैं यह इस बात से समझा जा सकता है कि विगत दिनों ग्राम मितगई में एक किसान के द्वारा अपने खेत में खीरा में कीटनाशक डाला था जिसे अपने मवेशियों को चराने गए गांव के ही एक व्यक्ति के द्वारा कुछ खीरा तोड़कर अपने घर लाया गया एवं अपने व परिवार के अन्य सदस्यों को खिला दिया गया जिसके बाद सभी परिवार के सदस्यों की स्थिति बिगड़ने लगी सभी को दस्त होना प्रारंभ हो गया सब की तो तबीयत इलाज के बाद कंट्रोल हो गया वहीं घर के मुखिया की स्थिति लगातार बिगड़ने लगी जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल बलरामपुर भर्ती कराया गया। जहां स्थिति नहीं संभलने पर अंबिकापुर ले जाया गया परंतु वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
कीटनाशक डालने की 48 घंटे के बाद प्रभाव हो जाता है अत्यंत कम
जानकारों ने बताया कि यदि सब्जी या फल में अच्छे क्वालिटी का कीटनाशक डाला जाता है तो कीटनाशक डालने के 48 घंटे के बाद फल या सब्जी का सेवन किया जा सकता है क्योंकि 48 घंटे के बाद कीटनाशक का प्रभाव अत्यंत कम हो जाता है वहीं धोने के बाद कीटनाशक का प्रभाव नहीं रहता है। कुछ किसान पैसा बचाने के चक्कर में खराब क्वालिटी का कीटनाशक सब्जियों में डाल देते हैं जो काफी खतरनाक होता है यदि अच्छे क्वालिटी का कीटनाशक सब्जियों में डालें तो ज्यादा हानिकारक नहीं रहेगा।
किसी के खेत से सीधा सब्जी तोड़कर नहीं खाएं
क्षेत्र में सब्जी की बंपर पैदावार हो रही है कई बार ऐसा होता है कि लाल लाल टमाटर देखकर या खीरा अच्छा देखकर या अन्य कोई सब्जी देखकर खेत से कई लोग सीधा तोड़कर खाने लगते हैं जो काफी हानिकारक सिद्ध हो जाता है इसी प्रकार तोड़कर खाने से मितगई के युवक की मौत हुई।सब्जी जब भी ले घर में लाने पर उसे कम से कम 1 मिनट गर्म पानी से धोएं।
संतुलित मात्रा में करें कीटनाशक का प्रयोग-उपसंचालक
उद्यान विभाग के उपसंचालक पतराम सिंह ने कहा कि कीटनाशक का प्रयोग संतुलित मात्रा में किसानों को करना चाहिए हम लोगों के द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है कि जैविक खाद्य का उपयोग अधिक से अधिक किसान करें इसके लिए समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी किये जा रहे है।श्री सिंह ने कहा कि किसान का पैदावार भी प्रभावित न हो इसके लिए कीटनाशक का उपयोग तो जरूरी रहता है परंतु यह बात भी ध्यान में रखा जाए की कीटनाशक डालने के तीन दिन तक किसी को खेत की ओर नहीं जाने दिया जाए साथ ही कीटनाशक डालने के 7 से 8 दिन के बाद ही बाजार में बेचने के लिए सब्जी ले जाए।