22 November 2024
कैंसर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन, संजीवनी कैंसर हॉस्पिटल के कैंसर विशेषज्ञों ने जानकारी की साझा,निशुल्क कैंसर जांच व परामर्श शिविर का भी आयोजन
आयोजन राज्य स्वास्थ

कैंसर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन, संजीवनी कैंसर हॉस्पिटल के कैंसर विशेषज्ञों ने जानकारी की साझा,निशुल्क कैंसर जांच व परामर्श शिविर का भी आयोजन

अम्बिकापुर।संजीवनी कैंसर केयर फाउंडेशन एवं इंडियन डेंटल एसोसियेशन अम्बिकापुर के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार 30 सितंबर को अंबिकापुर में एक निशुल्क कैंसर परामर्श शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में डॉ अर्पण चतुर्मोहता, डॉ अनिकेत ठोके, डॉ राकेश मिश्रा एवं अविनाश तिवारी ने अंबिकापुर के लोगों का निशुल्क कैंसर जांच कर कैंसर परामर्श दिया। इस शिविर में कैंसर जागरुकता कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था जिसमे संजीवनी कैंसर हॉस्पिटल के कैंसर विशेषज्ञों ने जानकारी साझा की।

डॉ अर्पण चतुर्मोहता ने बताया की रोबोटिक सर्जरी एक प्रोसिजर है जो सर्जरी के प्रक्रिया को और सुरक्षित और प्रशासनीय बनाती है। यह तकनीक ओरल कैंसर और हेड एंड नेक कैंसर के सर्जरी से जुड़े संकेतों का बेहतर नियंत्रण होता है, जिससे उपचार का सफलतापूर्वक परिणाम मिलता है। छोटा चीरा, कम ब्लीडिंग, जल्दी रिकवरी, जल्दी डिस्चार्ज इसके कुछ मुख्य लाभ है। रोबोटिक सर्जरी तकनीक के माध्यम से हम छत्तीसगढ़ में ही इलाज के स्तर को वर्ल्ड क्लास सुविधाओं के स्तर तक बढ़ा चुके है। यह मरीजों को शीघ्र स्वस्थ होने की संभावना प्रदान करता है और सर्जरी के दौरान बेहतर निपुणता के साथ अधिक नियंत्रण में मदद करता है।

डॉ अनिकेत ठोके एवं डॉ राकेश मिश्रा ने बताया की कीमोथेरेपी कैंसर को खत्म करने के लिए शक्तिशाली दवाओं का उपयोग करती है, जबकि इम्यूनोथेरेपी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का उपयोग करके बीमारी के खिलाफ लड़ने में मदद करती है। इन दोनों तकनीकों के सहायता से मुंह के कैंसर के रोगियों को बेहतर इलाज विकल्प प्रदान किया जाता है और उनके ठीक होने की संभावनाओं भी बढ़ जाती है।

डॉ अविनाश तिवारी ने बताया की दर्द व्यवस्थापन (पेन मैनेजमेंट) मुंह के कैंसर कैंसर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे मरीजों को दर्द से राहत मिलती है और उनका जीवन बेहतर बनता है। पेलिएटिवकेयर से मरीजों को आराम दिलासा और ताकत मिलती है, जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य भी सुधरता है। ओरल कैंसर के मरीजों को पेन एवं पैलिएटिक्केयर का सही तरीके से प्राप्त करना जरूरी है। हमें इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए, और मरीजों को उनके साथ होने वाले सभी परिणामों के बारे में सच्चाई बतानी चाहिए।

 

 

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