Sarguja express….
मो.हदीस
,सीतापुर
-क्षेत्र के मांड नदी प्रतापगढ़, से रेत माफिया द्वारा लम्बे समय से बालू का अवैध रूप से खनन कर भंडारण किया जाता है ।जो रात होते ही बड़े बड़े ट्रको में भर, तिरपाल से ढक कर अन्य प्रदेशों में खपाया जा रहा है। इस कारोबार में संलिप्त रेत माफिया इससे मोटी रकम कमा कर अपनी जेबें भर रहे हैं ।वही राजस्व को लाखों रुपये का चुना लग रहा है।
गौरतलब तलब है क्षेत्र के मांड नदी पर लम्बे समय से रेत माफियाओं का दबदबा है। इनके द्वारा प्रतापगढ़, केशला,भिठुवा , मंगरैल गढ़ ,बिशुनपुर ,आदि तटों से रेत का अवैध खनन , भंडारण एवं परिवहन किया जा रहा है।
जबकि पर्यावरण एवं खनिज संसाधनों की रक्षा हेतु एनजीटी ने 10 जून से नदी नालों के रेत खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है।बावजूद इसके कोई खनन करता है तो आपराधिक कृत्य माना जायेगा और उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही कि जाएगी।
इसके बाद भी रेत का अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है।वही प्रशासन हाथ पर हाथ दिये चुप्पी साधे बैठी है। जो लोगों के समझ से परे है।
प्रशासन की खामोशी से रेत तस्करों के हौसले बुलंद है, वे बेखौफ होकर अपने मंसूबों को अंजाम दे रहे हैं।
रेत खनन से इन नदियों के अस्तित्व खतरे में है।लोगों का कहना है कि यह जीवन दायनी नदी क्षेत्रवासियों के लिये किसी वरदान से कम नही है। उन्हें पानी के साथ घर बनाने के लिये न्यूनतम दर पर सहजता से रेत उपलब्ध हो जाता है। जो क्षेत्र वासियों के लिये मील का पत्थर साबित होता है।यदि समय रहते कोई ठोस कदम नही उठाया गया तो निश्चित रूप से नदी का अस्तित्व मिट जायेगा। उन्होंने प्रशासन से रेत का अवैध खनन परिवहन एव भण्डारण पर रोक लगाने की मांग की है।

