21 April 2025
हाथियों ने 17 दिन में 7 लोगों को कुचलकर उतारा मौत के घाट…बलरामपुर में महिला को सूंड से उठाककर पटका; साथियों ने भागकर बचाई अपनी जान
हादसा राज्य समस्या

हाथियों ने 17 दिन में 7 लोगों को कुचलकर उतारा मौत के घाट…बलरामपुर में महिला को सूंड से उठाककर पटका; साथियों ने भागकर बचाई अपनी जान

Sarguja express 

अम्बिकापुर।बलरामपुर जिले में बुधवार को महुआ बीनने गई एक महिला को दंतैल हाथी ने पटक-पटककर मार डाला, जबकि कई महिलाओं ने भागकर अपनी बचाई। महिलाएं महुआ बीनने के लिए गई थी, तभी हाथी ने हमला किया। मामला वाड्रफनगर थाना क्षेत्र के
पोकली जंगल का है। बता दें कि बलरामपुर जिले में विगत 17 दिन में हाथियों ने सात लोगों को कुचलकर मौत के घाट उतार दिया है।

मिली जानकारी के मुताबिक मरने वाली महिला का नाम यशोदा दास (58) है। वह वाड्रफनगर ब्लॉक के स्याही गांव की रहने वाली थी। ये दोनों हाथी जशपुर और झारखंड इलाके से घुसे हैं। झारखंड से घुसे दंतैल हाथी ने 5 लोगों की और जशपुर से घुसे हाथी ने 2 की जान ली है। दरअसल, यशोदा दास हमेशा की तरह बुधवार सुबह भी महिला साथियों के साथ महुआ बीनने के लिए पोकली महुआ जंगल गई थी। जंगल में महुआ बीनने के लिए करीब 7 किलोमीटर अंदर चली गई थी। इसी इलाके में हाथियों का डेरा है। ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक यशोदा महुआ बीन रही थी, तभी दंतैल हाथी पहुंच गया। इस दौरान बाकी महिलाएं दौड़कर भाग निकलीं, लेकिन यशोदा नहीं भाग सकी। हाथी ने उसे दौड़ाकर सूंड से उठाकर पटका और कुचल दिया।

आसपास के गांवों में अलर्ट

घटना की सूचना पर वाड्रफनगर फॉरेस्ट एसडीओ अनिल सिंह पैकरा के साथ रेंजर और वनकर्मी मौके पर पहुंचे। महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। एसडीओ अनिल सिंह पैकरा ने बताया कि, यह हाथी झारखंड से बलरामपुर जिले में घुसा है। रामानुजगंज वन परिक्षेत्र से होते हुए वाड्रफनगर वन परिक्षेत्र में यह हाथी विचरण कर रहा है। मंगलवार को भी वन अमले ने स्याही, रजखेता, वाड्रफनगर, कोटराही, करमडीहा समेत आसपास के गांवों में मुनादी कराकर हाथी की मौजूदगी की जानकारी दी थी।

बाइक से छोड़कर गए थे महुआ बीनने

एसडीओ श्री पैकरा ने बताया कि, मुनादी कराने के बावजूद बुधवार सुबह यशोदा दास का बेटे उसे बाइक पर बैठाकर जंगल ले गया था। जहां घटना हुई है, वहां से यशोदा का घर करीब 7 किलोमीटर दूर है। सरगुजा संभाग में हाथियों के हमले में मौत की संख्या महुआ और तेंदूपत्ता के सीजन में बढ़ जाती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *