14 November 2024
स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण को लेकर शासन ने जारी किए कलेक्टर और डीईओ को निर्देश….प्रदेश के विभिन्न स्थानों में एक ही परिसर में अथवा निकट में दो या दो से अधिक शालाएं संचालित हैं, ऐसे शालाओं का युक्तियुक्तकरण किया जाना है
आदेश फैसला राज्य शिक्षा

स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण को लेकर शासन ने जारी किए कलेक्टर और डीईओ को निर्देश….प्रदेश के विभिन्न स्थानों में एक ही परिसर में अथवा निकट में दो या दो से अधिक शालाएं संचालित हैं, ऐसे शालाओं का युक्तियुक्तकरण किया जाना है

अम्बिकापुर।छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने शालाओं एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण किये जाने संबंधी निर्देश समस्त कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी को जारी किए हैं। निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के अनुरूप शालाओं में शिक्षकों की उपलब्धता, बच्चों की दर्ज संख्या के अनुपात में होनी चाहिए। प्रदेश की विभिन्न स्तर की शालाओं में सैकडों शिक्षक अतिशेष हैं। शालाओं एवं शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जाना छात्र हित में उचित है। प्रदेश के विभिन्न स्थानों में एक ही परिसर में अथवा निकट में दो या दो से अधिक शालाएं संचालित हैं, ऐसे शालाओं का युक्तियुक्तकरण किया जाना है, साथ ही अतिशेष शिक्षकों का शिक्षक विहीन एवं एकल शिक्षकीय शालाओं में युक्तियुक्तकरण किया जाना है।

युक्तियुक्तकरण करने हेतु मंत्रिपरिषद् निर्णय के अनुसार
शालाओं का युक्तियुक्तकरण प्रदेश में लगभग बडी संख्या में विभिन्न विद्यालयों का संचालन एक ही परिसर में हो रहा है। एक ही परिसर में संचालित निम्न प्रकार के विद्यालयों का युक्तियुक्तकरण बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता की दृष्टि से किया जाना है। कम दर्ज संख्या वाले शालाओं का युक्तियुक्तकरण 10 से कम दर्ज संख्या वाली प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक शालाओं का निकटस्थ शालाओं में समायोजन किया जायेगा। नक्सल प्रभावित क्षेत्र एवं दूरस्थ वनांचल के विद्यालयों के लिये युक्तियुक्तकरण हेतु निर्धारित मापदण्ड के बावजूद जिला समिति के अध्यक्ष कलेक्टर का यह विवेकाधिकार होगा कि वे ऐसे विद्यालयों का स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुये युक्तियुक्तकरण पर विचार कर सकेगें। एक ही स्तर के दो विद्यालय जिनके बीच की दूरी कम हो तथा दर्ज संख्या भी कम हो, उनका समायोजन किया जायेगा। ऐसी शालाओं की परस्पर दूरी शहरी क्षेत्र में 500 मीटर तथा दर्ज संख्या 30 से कम एवं ग्रामीण क्षेत्र में दूरी 01 किलोमीटर से कम तथा दर्ज संख्या 10 से कम हो, का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा।

 

युक्तियुक्तकरण हेतु समिति का गठन

शालाओं एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण हेतु निम्नानुसार दो समिति का गठन किया जायेगा। विकासखण्ड स्तरीय समिति समिति के निम्नानुसार पदाधिकारी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अध्यक्ष,विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सदस्य सचिव, सहा.वि. शिक्षा अधिकारी सदस्य,वि.ख. स्त्रोत समन्वयक सदस्य, परियोजना अधिकारी, महिला बाल विकास सदस्य होंगे। जिला स्तरीय समिति समिति में जिला कलेक्टर अध्यक्ष,
मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सदस्य
जिला मुख्यालय के आयुक्त, नगर निगम/ मुख्य नगर पालिका अधिकारी सदस्य,जिला शिक्षा अधिकारी
सदस्य सचिव,जिला कार्यक्रम अधिकारी /जिला महिला बाल विकास अधिकारी सदस्य होंगे।

ऐतिहासिक महत्व वाले विद्यालय का युक्तियुक्तकरण किसी अन्य विद्यालय में नहीं होगा

यदि कोई विद्यालय ऐतिहासिक महत्व का है, किन्तु दर्ज संख्या कम हो तो भी इस विद्यालय का युक्तियुक्तकरण किसी अन्य विद्यालय में नहीं होगा, बल्कि इस विद्यालय को यथावत रखते हुए उसी परिसर अथवा निकट के अन्य विद्यालय का समायोजन इस ऐतिहासिक महत्व वाले विद्यालय में किया जायेगा। समस्त अभिलेखों एवं सामग्रियों का संधारण ऐतिहासिक महत्य वाले शाला के संस्था प्रमुख करेंगे। युक्तियुक्तकरण उपरांत समायोजित की गई शाला भवन का उपयोग आवश्यकतानुसार उसी परिसर में किया जायेगा। यदि पृथक-पृथक परिसर हो तो यह विद्यालय भवन स्कूल शिक्षा विभाग के आधिपत्य में ही रहेगा। ऐसे भवनों का उपयोग शासन की अनुमति से आवश्यकता अनुसार विभाग के हित में किया जायेगा।

अतिशेष शिक्षकों का चिन्हांकन

विकासखण्ड स्तरीय समिति एक ही परिसर में स्थित दो या दो से अधिक प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक विद्यालयों की दर्ज संख्या एवं कार्यरत शिक्षको की विद्यालय में पदस्थापना तिथि के आधार पर अतिशेष शिक्षकों की जानकारी सूचीबद्ध करेगी, साथ ही समिति निकट के कम दर्ज संख्या वाले विद्यालयों के अतिशेष शिक्षकों की सूची भी तैयार करेगी। विकासखण्ड स्तरीय समिति द्वारा दर्ज संख्या के अनुपात में रिक्त पदों की विद्यालयवार सूची तैयार की जायेगी। विकासखण्ड स्तरीय समिति द्वारा विषयवार रिक्त पदों की विद्यालयवार सूची तैयार की जायेगी। अंतिम रूप से तैयार सूची के आधार पर जिला स्तरीय समिति अतिशेष शिक्षकों का रिक्त पदों पर पदांकन काउसलिंग के माध्यम से करेगी।
ई संवर्ग के अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना ई संवर्ग की शालाओं में तथा टी संवर्ग के अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना टी संवर्ग की शालाओ में की जायेगी।
जिला स्तर पर पदस्थापना के पश्चात् रिक्त स्थान न होने के कारण कुछ अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना शेष रह जाती है तो इनकी सूची जिला समिति द्वारा संभागीय संयुक्त संचालक को प्रेषित किया जायेगा। संभागीय संयुक्त संचालक द्वारा इसका परीक्षण कर काउंसलिंग के माध्यम से पदस्थापना की कार्यवाही की जायेगी।

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