अंबिकापुर। मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्थित नेत्र विभाग में अवस्था सुर्खियों में आ चुकी है। ‘सरगुजा एक्सप्रेस’ ने एक दिन पहले ही नेत्र विभाग के एचओडी के विभाग से कई कई दिनों तक गायब रहने की खबर प्रकाशित की थी। इसके साथ-साथ वर्तमान में नेत्र विभाग में चल रहे मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद मरीज को जमीन पर व्यवस्था देने की जानकारी भी अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों को खबर के जरिए दी थी। इसके बाद भी आज दूसरे दिन व्यवस्था में कोई सुधार नजर नहीं आया। आज भी कई मरीज ऑपरेशन के बाद जमीन पर ही लेटे नजर आए। यही नहीं जमीन पर ही एक बिस्तर पर दो-दो ऑपरेशन के मरीज दिखाई दिए। बड़ी बात यह है कि ऑपरेशन के कुछ दिन बाद वृद्ध महिला के आंख से खून निकालने के बाद भी सामने आई है। आखिर ऑपरेशन वाले आंख से खून किस कारण से निकल रहा है यह तो संबंधित चिकित्सक ही बता सकते हैं परंतु मोतियाबिंद के बाद आंखों की रोशनी वापस पानी की लालसा में पहुंची वृद्धा फिलहाल दोनों आंखों से पूरी तरह से लाचार हो चुकी है। एक बार फिर उसे नेत्र विभाग में दाखिल कर चिकित्सा उसका उपचार कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार धौरपुर थाना क्षेत्र के डूमरडीह ग्राम कछार निवासी लगभग 70 वर्षीय भूखली बाई को दोनों आंखों में मोतियाबिंद हो जाने से कुछ भी दिखाई देने में काफी परेशानी हो रही थी। उसकी पुत्री सूरज कुमारी ने बताया कि अक्टूबर माह में ही लगभग 6 अक्टूबर को वह अपनी मां को लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नेत्र विभाग में ऑपरेशन के लिए पहुंची थी। दूसरे दिन ही उसका ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के 9 दिनों तक वृद्ध महिला को अस्पताल में ही रखा गया और उसके बाद चिकित्सकों ने उसे छुट्टी दे दी। पुत्री सूरज कुमारी ने बताया कि उसकी मां के बांए आंख का ऑपरेशन किया गया था अचानक 24 अक्टूबर को इस ऑपरेशन वाली आंख से खून निकलने लगा। दूसरे दिन उसे पुनः मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया। फिलहाल चिकित्सकों द्वारा उसका उपचार जारी है परंतु अब वृद्ध महिला को दोनों आंखों से कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है।
ऑपरेशन के बाद महिला की यह हालत किस कारण से हुई यह विभाग के चिकित्सक ही स्पष्ट बता सकते हैं।
विभाग के एचओडी ही कई दिनों से ग़ायब
किसी भी विभाग में अव्यवस्था ना हो इसके लिए मेडिकल कॉलेज अधिष्ठाता के द्वारा एचओडी को पदस्थ किया गया है। नेत्र विभाग का यह आलम है कि विभाग में एचओडी डॉ सोरी पिछले कई दिनों से गायब चल रहे हैं। ऐसे में बाहर से ले जा रहे वृद्ध मरीजों को जो परेशानी वार्ड में झेलनी पड़ रही है,उसे देखने वाला कोई नहीं।
पूरे मामले को लेकर प्रभारी एचओडी डॉ संतोष एक्का के मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया परंतु उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।