उदयपुर – सर्व आदिवासी समाज के आह्वान पर सैकड़ो ग्रामीणों द्वारा ग्राम शिवनगर में गुरुवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य भी इस आंदोलन में शामिल हुए। फर्जी ग्राम सभा प्रस्ताव, फर्जी एफआईआर सहित अन्य मुद्दों पर ग्रामीणों द्वारा ज्ञापन प्रेमनगर तहसीलदार मीना सिंह, को ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान दर्जनों की संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहे। ग्रामीण हरिहरपुर धरना स्थल से रैली की शक्ल में नारे बाजी करते आए तथा चौकी तारा परिसर के समीप धरना पर बैठ गए। वक्ताओं ने माइक के माध्यम से अपनी बात रखी। विदित हो कि
हसदेव अरण्य में अपने जल जंगल जमीन को बचाए रखने आदिवासी समुदाय पिछले एक दशक से संघर्षरत है| पांचवी अनुसूची क्षेत्र में अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा और पेसा कानून तथा वन अधिकार कानून 2006 के विधिवत क्रियान्वयन की मांग साथ ही ग्राम सभाओं का कोयला खनन के विरोध में पारित प्रस्तावों को केंद्र और राज्य की सरकारें अमल में ले, यही इस हसदेव को बचाने चल रहे आन्दोलन के केंद्र बिंदु है|
संवैधानिक अधिकारों को कुचल कर फर्जी ग्राम सभा करके और ग्राम सभा को बायपास करके, परसा कोयला खदान की वन स्वीकृति और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया और स्वीकृति दी गई, जिसके विरोध में लगातार 500 दिनों से हसदेव में लोग धरना प्रदर्शन कर रहे है|
हसदेव के लोगों ने कई बार केंद्र और राज्य की सरकार का दरवाज़ा खटखटाया ताकि न्याय मिले लेकिन इसके विपरीत इस आन्दोलन को कुचलने और समाप्त करने के लिए पूरा प्रशासन कॉर्पोरेट के इशारों पर आन्दोलनकारियों पर झूठे एफआईआर दर्ज करके उन्हें डरा धमका कर इस आन्दोलन से पीछे धकेलने की कोशिश लगातार कर रही है|
इस बारे में जानकारी देते हुए जेल भरो आंदोलन का नेतृत्व कर रहे लोगों ने बताया की 2018 से लेकर आज दिनांक तक फर्जी ग्राम सभा के कूट रचित दस्तावेजों के दोषी कम्पनी और सरकारी अधिकारीयों और कर्मचारियों पर FIR की मांग की गई और जिला प्रशासन को लगातार पत्र लिखे लेकिन इन मांगो पर कोई सुनवाई नहीं हुई है और न ही आज तक कोई जांच या FIR हुई |
2021 में पद यात्रा करके लोग रायपुर पहुंचे, वहां राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मिलकर इस संबंध में ज्ञापन सौंपा जिस पर संज्ञान लेकर राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ सरकार को जांच के आदेश जारी किये लेकिन इस पर भी आज तक कोई जांच नहीं हुई| लेकिन जब हम इन मांगों को लेकर आन्दोलन करते है और इस आन्दोलन को समर्थन देने के लिए साथ ही प्रशासन की इन शिकायतों पर उदासीनता पर सवाल करते हुए सर्व आदिवासी समाज के नेतृत्व में मुखर होकर सड़कों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते है तो सर्व आदिवासी समाज और हसदेव के लोगों पर फर्जी FIR करने में प्रशासन को जरा भी देर नहीं करती है। यह अन्याय है और हम इस अन्याय के विरुद्ध आज शिवनगर में जल भरो आन्दोलन कर रहे है ।
हसदेव का आन्दोलन लोकतान्त्रिक, संवैधानिक और शांतिपपूर्ण आन्दोलन है| जल जंगल जमीन बचाने की यह लड़ाई एक व्यापक लड़ाई है, जिससे आज देश और राज्य के लोगों की संवेदनाएं जुडी हुई है| ऐसे में संघर्ष में जुड़े लोगों पर कंपनी के दबाव में FIR करके प्रशासन ने जनता के हितो के विपरीत कार्य किया है और आज जेल भरो आन्दोलन के माध्यम से हम अपना तीव्र विरोध दर्ज करा रहे है|
हसदेव अरण्य को कोयला खनन से बचाए रखने इस राज्य की विधान सभा ने भी सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर सारे कोल ब्लॉक निरस्त किये जाने पर सहमति जताई| राज्य सरकार खुद पत्र लिख कर केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय को परसा कोल ब्लॉक की वन स्वीकृति निरस्त करने की प्रक्रिया की मांग करती है|
इतना कुछ होने के बाद भी यह अत्यंत दुखद है कि हसदेव अरण्य जैसे समृद्ध वन क्षेत्र जो जैव विविधता से परिपूर्ण है, बांगो बाँध का जलग्रहण है, वन्यजीवों का रहवास है, इन वनों से आदिवासी समुदाय की पहचान और संस्कृति जुडी हुई है और जो छत्तीसगढ़ के फेफड़े के नाम से जाना जाता है, उस वन क्षेत्र को कोयले और कॉर्पोरेट हितों को साधने के लिए राज्य और केंद्र की सरकार आदिवासी हितों की अनदेखी कर रही है|
इस एक दिवसीय प्रदर्शन में आज सर्व आदिवासी समाज के उदयपुर ब्लाक अध्यक्ष चंद्रभान सोरी, युवा प्रभाग अध्यक्ष आशीष कुमार कुशरो, सूरजपुर जिला से सर्व आदिवासी समाज के प्रभाग अध्यक्ष राजा क्षीतिज ओईके, गोंडवाना गोंड महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह करियाम, हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति से रामलाल करियाम, मुनेश्वर सिंह , राजा जयसिंह कुशरो, जगन्नाथ बड़ा, आनंदराम कुसरो सुनीता पोर्ते, लीलावती, महेश्वरी साथ ही हसदेव के सैकड़ों आंदोलनकारी उपस्थित रहे|
पुलिस प्रशासन की ओर से एस डी ओ पी प्रकाश सोनी, थाना प्रभारी प्रेमनगर नरेंद्र सिंह, उमेश्वरपुर चौकी प्रभारी मनी प्रसाद राजवाड़े, तारा चौकी प्रभारी एस आई उमेश सिंह मौजूद रहे।