27 July 2024
दुर्घटना में चेहरे की हड्डी 6 टुकड़ों में विभाजित… इधर बिना चीरा लगाए आंख का ऑपरेशन…..आधुनिकतम पध्दति इन्डोस्कोपिक डीसीआर से की जा रही सफलतापूर्वक सर्जरी ,ईएनटी विभाग में कई आश्चर्यजनक शल्य क्रिया
स्वास्थ राज्य

दुर्घटना में चेहरे की हड्डी 6 टुकड़ों में विभाजित… इधर बिना चीरा लगाए आंख का ऑपरेशन…..आधुनिकतम पध्दति इन्डोस्कोपिक डीसीआर से की जा रही सफलतापूर्वक सर्जरी ,ईएनटी विभाग में कई आश्चर्यजनक शल्य क्रिया

अम्बिकापुर।राजमाता श्रीमति देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय सबद्ध चिकित्सालय अम्बिकापुर के नाक कान गला रोग विभाग में शल्य क्रिया के कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिनमें जानलेवा परिस्थिति में चिकित्सकों की टीम ने आधुनिकतम पध्दति इन्डोस्कोपिक डीसीआर से कई सफलतापूर्वक सर्जरी की है। ऐसे ही एक मामले में आग से लगातार पानी आने की शिकायत पर चमड़ी पर बिना चीरा लगाए ही चिकित्सकों ने उसे सफलतापूर्वक ऑपरेट किया। स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह एक अच्छी खबर और सरगुजा जैसे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के लिए एक बड़ी सुविधा भी कहीं जा सकती है।

बता दें कि अधिष्ठाता डॉ. रमनेश मूर्ति के अथक प्रयास से शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अम्बिकापुर के सभी शल्य विभाग में उत्कृष्ट शल्य क्रिया, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत् पूर्णतः निःशुल्क किया जा रहा है।
नाक कान गला रोग विभाग के द्वारा विषय से संबधित सभी प्रकार की सर्जरी की जा रही है। जिसमें छोटे बच्चों की सांस की नली, आहार नली, व नाक में फंसी सिक्के, बीज, बैटरी, जिसको समय से न निकाला जाये तो जानलेवा साबित हो सकता है व मरीज को इलाज के लिये बाहर जाना पडता था अब वह सभी स्थानीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आसानी से निकाले जा रहा है।
रोड दुर्घटना में चेहरे की हड़ियों की टूट के लिये फेसियल मेम्सीलरी सर्जरी नाक कान गला रोग विभाग के द्वारा की जा रही है साथ में आँख से लगातार पानी आना शिकायत की शल्य क्रिया बिना चमडी में चीरा लगाये आधुनिकतम् पद्धति इन्डोस्कोपिक डी.एस.आर. से सफलता पूर्वक किया जा रहा है। ये सभी सर्जरी मंहगी होती है वे प्राईवेट में पच्चास हजार से लेकर 2 लाख तक का खर्चा आता है।

 


दुर्घटना में चेहरे की हड्डी 6 टुकड़ों में टूटी, हुआ सफल ऑपरेशन

रोड दुर्घटना में घायल अम्बिकापुर निवासी 48 वर्षीय मरीज का सफल ऑपरेशन किया जिसके चेहरेकी हड्‌डी 6 टुकडों में टूट गई थी। इस ऑपरेशन में एनेस्थेसिया विभाग का विशेष योगदान रहा। एनेस्थेसिया विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मधुमिता मूर्ति के निर्देशन में डॉ रजनी, डॉ. अजीत गुप्ता, डॉ. शिवानी की टीम द्वारा एनेस्थेसिया दिया गया। नाक कान गला विभाग के शल्य चिकित्सक सहायक प्राध्यापक डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता, डॉ. नेहा, डॉ. अभिषेक, डॉ. प्रेरणा की टीम द्वारा ऑपरेशन किया गया।

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