13 December 2024
दरिमा ट्राइबल हॉस्टल में छात्र के आत्महत्या का मामला … हॉस्टल अधीक्षक निलंबित…मामले में कलेक्टर ने एसडीएम द्वारा मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए
आदेश कार्रवाई जांच प्रशासन राज्य शिक्षा

दरिमा ट्राइबल हॉस्टल में छात्र के आत्महत्या का मामला … हॉस्टल अधीक्षक निलंबित…मामले में कलेक्टर ने एसडीएम द्वारा मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए

अंबिकापुर.दरिमा ट्राइबल हॉस्टल में छात्र के आत्महत्या के मामले में कलेक्टर ने एसडीएम द्वारा मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही हॉस्टल अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए।

जानकारी के अनुसार प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास दरिमा में कक्षा आठवीं के छात्र मुकेश तिर्की पिता रामजी तिर्की 13 वर्ष – निवासी बिशुनपुर सीतापुर के द्वारा कमरे के भीतर फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिए जाने का मामला बुधवार को सामने आया था.पुलिस और परिजनों के मुताबिक छात्र पिछले दो वर्षों से पथरी की बीमारी से जुझ रहा था। तकलीफ बढ़ने पर वह तीन दिन से स्कूल नहीं गया। हॉस्टल में ही था। बुधवार को स्कूल से वापस लौटे अन्य छात्रों ने कमरे का दरवाजा बंद देख शोर मचाया तो भीतर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। जिससे अनहोनी की आशंका पर रोशनदान से झांक कर देखने पर वह फांसी पर झुलता मिला। अनुमान लगाया जा रहा है कि पथरी बीमारी से तंग आकर छात्र ने फांसी लगाई होगी। घटना के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक मुकेश तिर्की पिछले दो वर्षों से हॉस्टल में रहकर पढाई कर रहा था।

परिजन जड़ीबूटी से करा रहे थे इलाज : बताया जा रहा है कि छात्र मुकेश दो साल से पथरी की बीमारी से जुझ रहा था। परिजन जागरूकता अभाव में पुत्र का चिकित्सालय में भली भांती उपचार कराने थे के बजाए गांवों में ही जंगली जड़ीबूटियों के माध्यम से उपचार कर रहे थे.
बताया जा रहा है कि छात्र को तकलीफ होने के बावजूद छात्रावास कर्मियों के द्वारा छात्र के इलाज के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाया गया. ना तो चिकित्सालय लेकर गए और ना ही चिकित्सक का परामर्श ले उपचार ही शुरू कराया गया. यह बात सामने आई है किअत्यधिक दर्द होने पर अधीक्षक के द्वारा मेडिकल स्टोर से दर्द की दवा ले जाकर दिया गया था. परंतु छात्र को कोई राहत नहीं मिली. छात्र के द्वारा फांसी लगा लेने के मामले में तहसीलदार की उपस्थिति में पुलिस के द्वारा घटनास्थल का मुआयना किया गया. आज छात्र के पोस्टमार्टम के दौरान परिजनों के साथ शामिल कुछ लोगों ने मामले में पहले अपराध दर्ज करने की बात कही. कुछ देर तक पोस्टमार्टम को भी इसी वजह से रोका गया था.
मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर सरगुजा ने हॉस्टल अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए हैं साथ ही मामले में एसडीएम द्वारा मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए है.

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