27 July 2024
तेजी से नगर में शासकीय जमीन पर कब्जे की होड़… स्थिति ऐसी कि कई निर्माण कार्य जमीन नहीं मिलने कारण अटके
क्राइम राज्य समस्या

तेजी से नगर में शासकीय जमीन पर कब्जे की होड़… स्थिति ऐसी कि कई निर्माण कार्य जमीन नहीं मिलने कारण अटके

रामानुजगंज। एक समय नगर में सार्वजनिक प्रयोजन के लिए नगर की सबसे बेशकीमती जमीन को लोग दान दे देते थे वहीं अब स्थिति ऐसी हो गई है कि सार्वजनिक प्रयोजन की जमीन पर भी लोग कब्जा करने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। तेजी से नगर में शासकीय जमीन पर कब्जा करने की होड़ मची है स्थिति ऐसी हो गई है कि कई निर्माण कार्य जमीन नहीं मिलने कारण अटके पड़े हैं। जबकि अटके निर्माण कार्य जनहित में अत्यंत आवश्यक है।

गौरतलब है कि में कुछ दशक पहले नगर का इतना विस्तार नहीं हुआ था नगर सिर्फ मध्य बाजार तक सिमटा था, बाकी के इलाकों को दूरस्थ क्षेत्र माना जाता था परंतु कालांतर में नगर का तेजी से विस्तार हुआ एवं आबादी भी तेजी से बढ़ी। कुछ दशक पहले तक नगर में सिर्फ मध्य बाजार तक आबादी सिमटी थी तब यहां की जमीन सबसे कीमती समझी जाती थी, परंतु जनहित लोक कल्याण में तब लोग अपनी जमीन दान करने से नही हिचकते थे।नगर का गांधी मैदान, धर्मशाला सहित कई ऐसे जमीन है जिसे लोगों ने दान कर दिया जो आज लोगों के काम आ रहा है परंतु वर्तमान समय में सार्वजनिक प्रयोजन की जमीन को भी लोग कब्जा करने से गुरेज नहीं कर रहे है।

जमीन के अभाव में दर्जनों विकास कार्य रुके

जमीन के अभाव में दर्जनों विकास कार्य नगर में रुक गए हैं जैसे इनडोर स्टेडियम, मिनी पार्क, पार्किंग सहित अन्य कई कार्य हैं जो जमीन के अभाव में वर्षों से नहीं हो पा रहे हैं एवं निकट भविष्य में शासकीय जमीन पर अवैध कब्जा के कारण होते भी नजर नहीं आ रहे हैं।

आईटीआई एवं पॉलिटेक्निक बने शहर से दूर

आईटीआई भवन एवं पॉलिटेक्निक भवन रामानुजगंज में ही बनना था परंतु जमीन के अभाव में दोनों शहर से 6 से 8 किलोमीटर दूरी पर बने जबकि शहर में सैकड़ो एकड़ शासकीय जमीन है परंतु शासकीय भूमि पर कब्जा के कारण यहां पर आईटीआई एवं पॉलिटेक्निक नहीं बन सका।

गलिया भी हो रही है सकरी

शासकीय भूमि में लोग तेजी से अतिक्रमण कर ही रहे हैं वही नगर में कई गलियों का आकार सकरा हो गया पहले जिन गलियों से चार चक्का वाहन ने आसानी से निकल जाती थी वहां आज चार चक्का लेकर आना जाना मुश्किल हो रहा है ऐसा सिर्फ लोगों के जमीन को आगे बढ़ाकर बनाने एवं शासकीय भूमि पर कब्जा करने की होड़ है।

आईएएस अमित कटारिया के अभियान से रुका था अवैध अतिक्रमण

आईएएस अमित कटारिया के एसडीएम के रूप में नगर मैं पदस्थापना के दौरान उनके द्वारा नगर के शासकीय भूमि पर हो रहे अतिक्रमण एवं सड़क को चौड़ा करने के लिए व्यापक अभियान चलाया था जिससे कुछ दिनों तक शासकीय भूमि में अतिक्रमण रुका था। परंतु उनके जाने के बाद पुनः शासकीय भूमि प्रतिक्रमण करना शुरू कर दिए। आज नगर की कुछ सड़के चौड़ी उन्हीं के कारण हुई है।

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