3 November 2024
जादूगर पुलिस आरक्षक… साइन करके ड्यूटी पर दिखाई मौजूदगी… कुछ ही घंटो में साढ़े 4 सौ किलोमीटर दूर राजधानी में दिखा…रायपुर में वर्दी का धौंस दिखाकर शो रूम से निकलवाया कागज.. दूसरे दिन फिर पुन: साढ़े 4 सौ किलोमीटर का सफर कर ड्यूटी पर मौजूद,,,,डीजीपी से शिकायत
आरोप क्राइम ख़बर जरा हटके राज्य शिकायत

जादूगर पुलिस आरक्षक… साइन करके ड्यूटी पर दिखाई मौजूदगी… कुछ ही घंटो में साढ़े 4 सौ किलोमीटर दूर राजधानी में दिखा…रायपुर में वर्दी का धौंस दिखाकर शो रूम से निकलवाया कागज.. दूसरे दिन फिर पुन: साढ़े 4 सौ किलोमीटर का सफर कर ड्यूटी पर मौजूद,,,,डीजीपी से शिकायत

गजब का है जुगाड़..सरगुजा के कई थाना चौकियों में रहे आरक्षक की कई शिकायतों के बाद भी आज तक कार्रवाई नहीं

अम्बिकापुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में पदस्थ एक पुलिसकर्मी (आरक्षक) पर लगातार गुंडागर्दी और वसूली के आरोप लग रहे हैं। इस पुलिसकर्मी का विवादों से इतना गहरा नाता हो चला है कि जब वह अम्बिकापुर में पोस्टेड था, तब यहां के कुछ व्यापारियों ने आरोप लगाया था कि वह झूठे मामले में फंसा देने की धमकी देकर जबरन उनसे रूपये वसूली करता है। वहीं पीड़ितों ने इसकी शिकायत एसपी, आईजी कार्यालय तक में की है। लेकिन अब तक आरक्षक के खिलाफ लगे आरोपों और शिकायतों पर कोई जांच नहीं हुई।
जिससे उक्त आरक्षक का मनोबल बढ़ता जा रहा है। और वह लगातार पुलिसिया रौब दिखाकर लोगों को परेशान कर रहा है। इसी बीच उक्त पुलिसकर्मी का एक और मामला सामने आया है। जिसमे उक्त आरक्षक पर आरोप लगा है कि वह 13 मई को बलरामपुर जिले में ट्रैफिक ड्यूटी पर था, लेकिन सुबह अचानक अपने वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह कर रायपुर चला गया। जबकि उसकी ड्यूटी बलरामपुर जिले में दिनभर थी।

इस संबंध में अम्बिकापुर के सत्तीपारा निवासी अमन सिन्हा ने 14 मई को डीजीपी के नाम पत्र लिखा है। जिसमे अमन सिन्हा ने बताया है कि, मेरे बड़े भाई आयुष सिन्हा उर्फ दीप का पुराना विवाद बलरामपुर पुलिस जिला में पदस्थ आरक्षक प्रवीन्द सिंह से है क्योंकि वह मेरे भाई को प्रताडित कर उससे उगाही लेता था और नहीं देने पर उसे फर्जी प्रकरणों में किसी के भी साथ उसका नाम आरोपी में डलवा देता था जिस कारण मेरे भाई ने उसके खिलाफ अनेको बार आपके समक्ष तथा आई.जी. महोदय सरगुजा और एस.पी. महोदय सरगुजा को शिकायत किया है। आरक्षक प्रवीन्द सिंह पहले सरगुजा जिला पुलिस में पदस्थ था जो अम्बिकापुर के शहर के थानों में वर्षों से पदस्थ रहकर अधिकारियों को अपने प्रभाव में लेकर खुले आम लूटपाट करता था और इसके आड में कई अनैतिक धंधे संचालित कर करोड़ों की सम्पत्ति अर्जित कर रखा है जिसके विरूद्ध मेरे भाई ने शिकायत गंभीरता से किया तो इसे सरगुजा जिले के थाना गांधीनगर से ट्रांसफर थाना सीतापुर कर दिया गया लेकिन वहां भी उसका सुधार नही होने पर उसे सरगुजा से बलरामपुर जिला में ट्रांसफर कर दिया गया। जिस कारण से वह मेरे भाई से रंजिश रखता है क्योंकि अपने जीवनकाल में पहली बार वह अपने मर्जी के खिलाफ हुये पोस्टिंग में नौकरी करने को मजबूर है।”

आरक्षक प्रवीन्द सिंह का पोस्टिंग वर्तमान में बलरामपुर जिला में है और जुगाड जमाकर वह ट्रैफिक में अपना ड्यूटी में लगवा लिया है। दिनांक 13.05.2024 को वह बलरामपुर में अपने ड्यूटी में सुबह के समय उपस्थित था लेकिन दिन के 12.00 के करीब वह बिलासपुर के ईस्ट-पार्क हॉटल के इर्द-गिर्द अम्बिकापुर के पुलिसवालों के साथ अनाधिकृत रूप से घुमते हुये देखा गया है। इसके बाद दोपहर 3.00 बजे के बाद रायपुर के काईजेन टोयोटा शोरूम में अपने साथियों के साथ देखा गया है जो वहां पर मेरे भाई आयुष सिन्हा के द्वारा अभी पिछले महीने टोयोटा फायनेंस से फार्चुनर गाड़ी खरीदा है। उसका सेल लेटर अपने पुलिसिया रौब में निकलवाने गया था और अपने को अम्बिकापुर सदर थाना का पुलिस अधिकारी होना बताते हुए विवेचना में आवश्यकता बताकर गाड़ी का सेल लेटर लेकर अपने साथ आया है। दिनांक 13.05.2024 को रात के समय भी यह रायपुर में अपने साथियों के साथ अपने गाड़ी में घुम रहा था जबकि इसकी ड्यूटी बलरामपुर ट्रैफिक में थी। आरक्षक प्रवीन्द सिंह का मोबाईल नम्बर के आधार पर उसका कॉल डिटेल और लोकेशन निकाला जाये तो स्पष्ट होगा कि दिनांक 13.05.2024 को सुबह के समय ये बलरामपुर से रायपुर के लिये निकला है और रायपुर देर रात तक रहते हुये रात में ही वापस बलरामपुर आकर आज अपने ड्यूटी में उपस्थित है। जबकि अभिलेख के अनुसार वह दिनांक 13.05.2024 को बलरामपुर में ही रहकर अपना पुलिस ड्यूटी कर रहा है।

अमन सिन्हा ने शिकायत में बताया है कि “बलरामपुर का आरक्षक प्रवीन्द सिंह एक अत्यंत ही दुराचारी और षड्यंत्र कारी है जो अपने सेटिंग के दम पर सभी अनैतिक कामों को अंजाम देने में सक्षम जिसका ज्वलन्त शिकायत मेरा है। जिस पर तथ्यात्मक जांच उसके मोबाईल कॉल डिटेल और लोकेशन के आधार पर किया जाये तो स्थिति स्पष्ट हो जायेगी कि यह फर्जी तरीके से अपने ड्यूटी में बलरामपुर में मौजूद है लेकिन वास्तव में यह रायपुर के प्रवास में था।

 

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