21 April 2025
जबड़े के केंसर से ग्रसित एक और गरीब व्यक्ति को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मिला नया जीवन….. 4 घंटे चला ऑपरेशन, यह वही टीम जिसने जबड़े व अन्य कैंसर का अब तक डेढ़ सौ से ज्यादा किया है सफल ऑपरेशन
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जबड़े के केंसर से ग्रसित एक और गरीब व्यक्ति को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मिला नया जीवन….. 4 घंटे चला ऑपरेशन, यह वही टीम जिसने जबड़े व अन्य कैंसर का अब तक डेढ़ सौ से ज्यादा किया है सफल ऑपरेशन

Sarguja express …..

अम्बिकापुर। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सकों ने एक और जबड़े के कैंसर पीड़त मरीज को नया जीवन देने का काम किया है। अत्यधिक गुटखा व तम्बाकू सेवन करने से मरीज कैंसर से पीडि़त हो चुका था। इसकी तबियत लगातार बिगड़ रही थी। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डीन डॉ अविनाश मेश्राम व एचओडी डॉ ऐश्वर्या के मार्गदर्शन में मैक्सिलोफेशियल डॉक्टर अभिषेक हरीश ने टीम के साथ लगभग 4 घंटे सफल ऑपरेशन कर मरीज की जान बचाई है।

जानकारी के अनुसार सरगुजा जिले के लखनपुर मलगवां निवासी 67 वर्षीय बुधरतन सिंह काफी दिनों से तम्बाकू का सेवन करता था। अत्यधिक तम्बाकू सेवन करने से तीन माह पहले से मुंह में छाला होने व काफी दर्द होने पर परिवार के लोग उसे अंबिकापुर के एक निजी अस्पताल में दिखाए थे। निजी अस्पताल में चेक करने पर रिपोर्ट में जबड़े का कैंसर सामने आया था। वहां चिकित्सकों ने उसे रायपुर ले जाने और ज्यादा पैसा लगने की बात कही। गरीब होने की वजह से परिवार उपचार के लिए असमंजस में फंस गया। 3 मार्च को परिवार के लोग उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल के दंत विभाग में डॉक्टर अभिषेक हरीश के पास लेकर पहुंचे और निजी अस्पताल में कराए गए रिपोर्ट को दिखाया। रिपोर्ट से जबड़े का कैंसर पता चलने पर अस्पताल में निशुल्क कुछ जरूरी जांच के बाद 5 मार्च को उसका ऑपरेशन किया गया। लगभग 4 घंटे के इस ऑपरेशन में पीड़ित व्यक्ति के मुख का लगभग 5 सेंटीमीटर हड्डी को काटकर निकाला गया और उसकी जगह प्लेट जोड़ा गया। वर्तमान में मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो चुका है,पर उसे आगे कीमोथेरेपी के लिए बाहर जाना पड़ेगा।

निजी अस्पताल में २ लाख से ज्यादा खर्च, यहां निशुल्क

मैक्सिलोफेशियल डॉक्टर अभिषेक हरीश ने बताया कि मरीज ग्रामीण क्षेत्र का था और काफी गरीब परिवार से था। अगर यह ऑपरेशन निजी अस्पताल में कराता तो मरीज को दो लाख से ज्यादा का खर्च उठाना पड़ता। पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पूरी तरह नि:शुल्क किया गया है

अच्छा लगता है मरीज के चेहरे पर मुस्कान देखकर

डॉक्टर अभिषेक कहते हैं कि ओरल कैंसर की सर्जरी में जितनी देरी होती है उतना मरीज को नुकसान होता है। अम्बिकापुर में इलाज होने से आसपास के मरीजों को फायदा होगा। वे जितनी जल्दी हम तक आएंगे उतनी जल्दी उनकी सर्जरी सम्भव होगी। उन्होंने कहा कि कोई मरीज स्वस्थ होकर मुस्कुराते हुए घर जाता है तो उन्हें भी काफी खुशी महसूस होती है।

कम संसाधन में भी बताई अपनी योग्यता

‘कैंसर’ बीमारी का नाम सुनते ही शरीर सिहर उठता है। इसका ऑपरेशन पिछले कुछ वर्षों से अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में होने लगा है,जबकि सरगुजा में कैंसर के ऑपरेशन के लिए भवन व संसाधन की कमी है, बावजूद इसके अभी तक डेढ़ सौ से भी ज्यादा मुख व जबड़े के कैंसर का सफल इलाज कर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल ने अपनी योग्यता बताई है।

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