6 November 2024
गर्मी में लू से बचाव के किसान बरतें आवश्यक सावधानियां
मौसम खेती राज्य सलाह

गर्मी में लू से बचाव के किसान बरतें आवश्यक सावधानियां

अम्बिकापुर।समूचा सरगुजा संभाग भी बादलो की आवजाही के साथ-साथ चिलचिलाती धूप और झुलसा देने वाली गर्म हवा से थर्रा उठा है l लोग भीषण गर्मी से हलकान है शीतल पेय, कूलर का सहारा लेते दिख रहे है वहीँ बार बार बिजली गुल होने से जीवन यापन करना कठिन बता रहे है l

अंबिकापुर स्थित कृषि मौसम वेधशाला के कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ रंजीत कुमार बताते है की आज का अधिकतम तापमान 44.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो की सामान्य तापमान 37.4 से 6.8 डिग्री सेल्सियस चिन्हांकित अधिक तापमान है l उत्तर-पूर्व तथा पश्चिम से पूरब दिशा में चलने वाली धुलभरी ,प्रचण्ड उष्ण तथा शुष्क हवाओं ने समूचे सरगुजा संभाग का तापमान बढ़ा दिया है l
कृषि वैज्ञानिक श्री यमलेश निषाद ने लोगो से अपील किया कि लोग धुप में अनावश्यक बाहर न घुमे आवश्यक हो तभी मास्क, चस्मा, टोपी, दस्ताने पहनकर ही बाहर जाएँ, घर में बने पेय जैसे- नींबू-पानी, छाछ-मठ्ठा-लस्सी, फलों का रस आदि में नमक डालकर सेवन करें। घर से बाहर निकलते समय एवं यात्रा के लिए पानी साथ रखें। ऐसे फल व सब्जियों का सेवन करें जिनमें पर्याप्त मात्रा में पानी होता है जैसे तरबूज, खरबूज, संतरा, अंगूर, ककड़ी आदि। शरीर को ढांक कर रखें। पतले, डीले एवं हल्के रंग के सूती वस्त्र को पहनें। धूप से बचने के लिए सिर ढांक कर रखें छाता, टोपी, हैट, गमछा, टावेल या अन्य प्रकार से सिर को कवर करें। बाहर जाते समय जूते-चप्पल-सैंडल पहनें। तेज धूप के समय जहां तक संभव हो, घर में ही रहें। कमरे ठंडे एवं हवादार हो, विषेषकर घर के उन स्थानों पर जहां धूप आती है। शाम एवं रात को ठंडी हवा आने के लिए पर्दे खोल दें। बाहर जाना आवष्यक होने पर धूप के समय बाहर निकलने से बचें। दोपहर की जगह सुबह एवं शाम को बाहर निकले, जब वातावरण अपेक्षाकृत ठंडा हो ।
कृषि वैज्ञानिक डॉ सचिन जायसवाल ने सलाह देते हुए बताया की खेत में खड़ी फसलों में हल्की और बार-बार सिंचाई करें। विकास के महत्वपूर्ण चरणों में सिंचाई की आवृत्ति बढ़ाएँ। फसल के अवशेषों, पुआल,/पॉलिथीन से मल्चिंग करें या मिट्टी को मल्चिंग करेंl मिट्टी की नमी का संरक्षण करेंl सिंचाई केवल शाम के समय या सुबह के समय ही करें। स्प्रिंकलर सिंचाई का प्रयोग करें। यदि आपका क्षेत्र लू से ग्रस्त है – तो पवन/आश्रय अवकाश अपनाएं। वही पशुपालक भाई अपने जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पीने के लिए खूब साफ और ठंडा पानी दें। उनसे सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे के बीच काम न कराएं.l शेड की छत को पुआल से ढकें, सफेद रंग से रंगें या गोबर-मिट्टी से लीपें l शेड में पंखे, पानी के स्प्रे और फॉगर्स का उपयोग करें। अत्यधिक गर्मी के दौरान, पानी का छिड़काव करें और मवेशियों को ठंडक के लिए जलाशय में ले जाएं। उन्हें हरी घास, प्रोटीन-वसा बाईपास सप्लीमेंट, खनिज मिश्रण व नमक दें और उन्हें ठंडे घंटों के दौरान चराएं। पोल्ट्री हाउस में पर्दे और उचित वेंटिलेशन प्रदान करें। दोपहर के समय मवेशियों को चराने/चारा देने से बचें।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *