रामानुजगंज। कन्हर का पानी लगातार कम हो रहा है स्थिति यह हो गई की नदी की धार अब झारखंड की ओर चलने लगी है। वही जल संसाधन विभाग की बड़ी लापरवाही भी देखने को मिल रही है जल संसाधन विभाग के द्वारा एनीकट के गेट के मरम्मत को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है वही एनीकट के गेट को बंद भी नहीं किया जा रहा है ऐसे में आने वाले समय में भारी जल संकट उत्पन्न हो जाएगा।
गौरतलब की जल संसाधन विभाग एनीकट का गेट समय पर खोलने एवं बंद करने के प्रति हमेशा लापरवाह रहता है। जब तक बड़े अधिकारियों की फटकार एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं नागरिकों के द्वारा मांग नहीं की जाती है तब तक जल संसाधन विभाग के कानों मे जूं नहीं रेंगता है। विभाग के अधिकारी लापरवाह बने रहते हैं छठ के बाद जहां एनीकट का गेट बंद हो जाना चाहिए था वहीं अब तक गेट नहीं बंद किया जा सका है जबकि दिन प्रतिदिन नदी का पानी लगातार कम होते जा रहा है ऐसे में आने वाले समय में जल संकट उत्पन्न हो जाएगा। नगर की जलप्रदाय व्यवस्था पूर्णता कन्हर नदी पर आश्रित है ऐसे में जल संसाधन विभाग की लापरवाही से नगर की करीब 25 हजार की आबादी को हलकान होना पड़ेगा। मामले में अपर कलेक्टर श्याम सिंह पैकरा ने कहा कि रामानुजगंज एनीकट के सभी गेटों के सुधार एवं एनीकट के गेट बंद किए जाने के के लिए जल संसाधन विभाग को निर्देशित किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर इस संबंध में बात करने के लिए जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता को कई बार उनके मोबाइल कॉल करने के बाद भी उनके द्वारा मोबाइल रिसीव नहीं किया गया
एनीकट का गेट 8 वर्ष बाद भी ठीक नहीं कर पाया विभाग
जल संसाधन विभाग के द्वारा प्रत्येक वर्ष एनिकट मरम्मत के नाम पर लाखों रुपए स्वाहा कर दिए जाते हैं परंतु 8 वर्ष के बाद भी एनिकट का गेट नहीं सुधरा जा सका है विभाग के द्वारा प्रत्येक वर्ष एनिकट के गेट सुधार कर दिए जाने का दावा किया जाता है परंतु एनिकट के गेट के नीचे से पानी हमेशा लीकेज करते रहता है।
विभाग को गंभीर होने की आवश्यकता-रमन
नगर पंचायत अध्यक्ष रमन अग्रवाल ने कहा कि नगर की जलप्रदाय व्यवस्था पूर्णता कन्हर नदी पर आश्रित है ऐसे में जल संसाधन विभाग को गेट को खोलने एवं लगाने के प्रति गंभीर होने की आवश्यकता है। कई बार विभाग की लापरवाही के कारण नगर में जल संकट उत्पन्न हो गया है विभाग को अविलम्ब गेट लगा दिए जाने की आवश्यकता है वहीं श्री अग्रवाल ने कहा कि एनिकट के कई गेट खराब है जो वर्षों से नहीं बने हैं विभाग के द्वारा प्रत्येक वर्ष एनिकट के गेट बनवा दिए जाने का दावा किया जाता है परंतु वास्तविकता में गेट कभी दुरुस्त नहीं किया जा सका जिस कारण से एनिकट का गेट बंद होने के बाद भी गेट के नीचे लीकेज से पानी निकल जाता है जिस कारण नदी के धार सूखने के साथी एनीकट सूख जाता है।