अंबिकापुर ।शहर में शिक्षिका के रूप में निःस्वार्थ सेवा देने वाली नलिनी नानोटी का शनिवार सुबह निधन हो गया। वे 90 वर्ष की थी। सारा शहर इन्हें आई दीदी के नाम से जानता था। आदर्श शिक्षिका के रूप में सम्मानित नलिनी नानोटी ने उस दौर में बच्चों को पढ़ाना शुरू किया था जब अंबिकापुर शहर में निजी क्षेत्र के सिर्फ दो स्कूल हुआ करते थे। बच्चों से बेहद प्यार करने वाली नलिनी नानोटी उस दौर में बच्चों को घर से स्कूल लाकर पढ़ाने के बाद घर भी पहुंचाया करती थी। अंतिम समय तक शिक्षा से ये जुड़ी रही। इनसे शिक्षा ग्रहण करने वाले समाज के अलग-अलग क्षेत्र में स्थापित है। इनके पढ़ाए हुए कई विद्यार्थी आज विदेशों में सेवाएं दे रहे हैं तो कुछ प्रशासनिक पदों पर हैं। शनिवार को ही उनका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम यात्रा में समाज के सभी वर्ग के लोग शामिल हुए। उन्हें मुखाग्नि बड़े पुत्र अशोक नानोटी ने दी। स्व नलिनी नानोटी , छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के सेवानिवृत प्रबंधक अनिल नानोटी,जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान में पदस्थ व्याख्याता मीना शुक्ला व मालती ( बिलासपुर) की मां तथा अंबिकापुर निवासी देवेश शुक्ला की सासु मां थी।
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आदर्श शिक्षिका के रूप में सम्मानित नलिनी नानोटी का निधन…आई मैडम जी के नाम से जानते थे सभी
- by Chief editor Deepak sarathe
- 8 June 2024
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