27 July 2024
अंबिकापुर से रेणुकूट तक रेल जुडाव चेतना पदयात्रा को मिल रहा लोगों का भारी समर्थन, हस्ताक्षर अभियान में भी बढ़-चढ़कर लोग ले रहे हिस्सा….तीसरे दिन यात्रा की शुरुआत वाड्रफनगर चौक से शुरू हुई, रजखेता होते हुए ग्राम पंचायत डांड़करवां प्रस्तावित रेलवे सब स्टेशन तक पहुंची
आयोजन राज्य

अंबिकापुर से रेणुकूट तक रेल जुडाव चेतना पदयात्रा को मिल रहा लोगों का भारी समर्थन, हस्ताक्षर अभियान में भी बढ़-चढ़कर लोग ले रहे हिस्सा….तीसरे दिन यात्रा की शुरुआत वाड्रफनगर चौक से शुरू हुई, रजखेता होते हुए ग्राम पंचायत डांड़करवां प्रस्तावित रेलवे सब स्टेशन तक पहुंची

प्रतापपुर।अम्बिकापुर से रेणुकूट तक रेल जुड़ाव चेतना पदयात्रा के आज तीसरे दिन यात्रा की शुरुआत वाड्रफनगर चौक से शुरू हुई, जो रजखेता होते हुए आगे बढ़ी, जो ग्राम पंचायत डांड़करवां में प्रस्तावित रेलवे सब स्टेशन तक पहुंची, वहां विभिन्न ग्रामों के उत्साहितजनों ने यात्रा का स्वागत किया। हस्ताक्षर अभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। यहां कई ग्राम पंचायतों के सरपंच, पूर्व सरपंच सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे। यहां आमसभा का आयोजन ग्राम के लोगों द्वारा किया गया। इस दौरान आमसभा को संबोधित करते हुए आसनडीह सरपंच एवं भाजपा की प्रतापपुर प्रत्याशी शकुंतला सिंह पोरते ने कहा कि ऐसे गांव में जहां आवागमन के लिए बस की सुविधा बड़ी मुश्किल से मिलती है, वहां पर रेलवे की सोच और उसे साकार करने के लिए पदयात्रा करना एक बड़ी एवं ऐतिहासिक सोच है, सरगुजा रेल संघर्ष समिति के सभी सदस्यों का जो इस कड़ी धूप में रेणुकूट से लगातार चल कर आज डांड़करवाँ में पहुंचे हैं, यह हमारे लिए बड़ी बात है। आज भी गांव के बहुत सारे लोग रेल में नहीं बैठे हैं, यदि रेल की सुविधा मिल जाये तो इस गांव के लोगों के लिए इस क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। मैं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निवेदन करती हूं, जो लगातार आमजनों की मांगों को सुनते हैं और जनहितैषी कार्य को प्राथमिकता देते हैं, वे क्षेत्र की जनता की मांग का ख्याल रखते हुए, अम्बिकापुर से रेणुकूट तक रेल लाइन जोड़ने की दिशा में विचार करेंगे।

यात्रा का अगला पड़ाव ग्राम पंचायत देवरी रहा, जहां सामाजिक संगठनों ने इस यात्रा को अपना समर्थन दिया। चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी, संगता सामाजिक संस्था, सड़क सत्याग्रह, पतंजलि योग समिति, आर्ट ऑफ लिविंग, अनोखी सोच सामाजिक संस्था सहित कई संगठनों ने पदयात्रा को अपना समर्थन दिया। देवरी में आयोजित आमसभा को संबोधित करते हुए चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी के निदेशक मंगल पांडेय ने कहा कि हमें यहां से देश की राजधानी और धार्मिक नगरी काशी, प्रयागराज और अयोध्या तक जाने के लिए सुगम आवागमन का साधन चाहिए, जो रेल से बेहतर नहीं हो सकता। मैं इस पदयात्रा में निकले सरगुजा रेल संघर्ष समिति के समस्त सदस्यों का दिल से समर्थन करते हैं। हम सामाजिक संगठनों के तरफ से इस पदयात्रा को हमारा पूरा समर्थन है। हम साथियों के साथ जहां भी जाना होगा संघर्ष करने के लिए लगातार तैयार हैं। सरगुजा क्षेत्र सीधे बनारस से जुड़ेगा, जिसका लाभ सभी को होगा, सामाजिक उन्नति होगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

संगता सामाजिक संगठन के निदेशक भूपेश सिंह ने कहा कि रेल लाईन जब जुड़ेगी तो न सिर्फ आवागमन का साधन बढ़ेगा, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा, रोज़गार हर क्षेत्र में सुविधा मिलेगी। यह देवरीवासियों का सौभाग्य है कि रेलवे के सर्वे में यहां स्टेशन प्रस्तावित है। मैं पदयात्रियों एवं सरगुजा रेल संघर्ष समिति के इस प्रयास की सराहना करता हूँ। हम सब आपके संघर्ष के साथ हैं, हमारा पूरा समर्थन आपके साथ है। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि सर्वदलीय रेल संघर्ष समिति के सदस्य तपती धूप में पदयात्रा करके लोगों तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं जिसका समर्थन जरुरी है। कृषि उपज के आयात निर्यात के अवसर बढ़ेंगे, और सीधे रेलमार्ग होने से कृषि उपज भारत के कोने कोने तक पहुंचेगा। सड़क सत्याग्रह के डॉ योगेंद्र सिंह गहरवार ने कहा कि न सड़क है न रेल है, यह सरगुजा का जेल है, यह पदयात्रा निश्चित रूप से सरगुजा को एक नई उपलब्धि देगा और सरकार को रेणुकूट से अम्बिकापुर तक रेल लाईन जोड़ कर आवागमन को सुगम बनाने सोचने को मजबूर करेगा।
पतंजलि योग समिति सरगुजा के कमलेश सोनी योगी ने कहा कि यह यात्रा आमजनों में चेतना जागृत करने के लिए है कि हम अपनी सुविधा के लिए आवाज़ उठायें। जब तक आवाज़ नहीं उठायेंगे तब तक कोई सरकार जल्दी सुनती नहीं है, लोकतंत्र में जनता को आवाज़ उठाने का अधिकार है, आप सब इस पदयात्रा को अपना समर्थन दें और आवाज़ बुलंद करें ताकि अम्बिकापुर से रेणुकूट तक रेल चल सके। जन चेतना पदयात्रा के पीयूष त्रिपाठी ने कहा कि ये यात्रा केवल कुछ लोगों की यात्रा नहीं है, ये आप सभी की यात्रा है। इस पदयात्रा में हम सभी प्रतीक रुप में चल रहे हैँ, असल में आप सभी भी इसमें चल रहे हैँ। आप सभी का व्यापक जन समर्थन इस बात का प्रमाण है कि रेणुकूट रेल लाईन की कितनी आवश्यकता है। यहाँ से फल सब्जियों का व्यापार बनारस सहित उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में होता है। इस लाईन के जुड़ने से किसान व छोटे व्यापारियों को बहुत राहत मिलने वाली है। स्वास्थ्य के लिए BHU बनारस और AIIMS दिल्ली एकदम नज़दीक हो जाएंगे, हम 13 घण्टे में अम्बिकापुर से दिल्ली में होंगे। शिक्षा के साथ ही धार्मिक आस्था में बहुत सहयोग मिलेगा, माँ गँगा के साथ बाबा विश्वनाथ और भगवान राम तक हमारी पंहुच सरल हो जाएगी। अनोखी सोच के पंकज चौधरी ने सभी से यात्रा में जुड़ने एवं अधिक से अधिक संख्या में समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर करने की अपील करते हुए अम्बिकापुर से रेणुकूट रेल लाइन को जोड़ने लगातार संघर्ष समिति के साथ संघर्ष करने का भरोसा दिया। यात्रा में प्रत्येक दिन अनोखी सोच संस्था से 20 लोग पदयात्री के रूप में सम्मिलित हो रहे हैं।

रेवटी, चंदौरा, रजखेता में भी पदयात्रियों ने रुक कर आमजनों से समर्थन मांगा, लोगों ने पदयात्रियों के समक्ष पहुंच कर हस्ताक्षर कर यात्रा को अपना समर्थन दिया। इस दौरान पदयात्रियों में मुकेश तिवारी, अजय तिवारी, पीयूष त्रिपाठी, पंकज चौधरी, अंचल ओझा, समीर श्रीवास्तव, राहुल त्रिपाठी, अनोखी सोच संस्था की टीम सहित कार्यक्रम में आसनडीह सरपंच एवं प्रतापपुर भाजपा प्रत्याशी शकुंतला सिंह पोरते(अधिवक्ता), रमा शंकर टेकाम, सरपंच, डांडकड़वा, आलम सिंह गोंड, सरपंच नरोला, डॉ योगेंद्र सिंह गहरवार, कैलाश मिश्रा, रिंकू वर्मा, मनोज कंसारी, कमलेश सोनी, अजय शुक्ला, रंगकर्मी कृष्णानंद तिवारी, नितेश पांडेय, आनंद यादव, विश्वजीत भारद्वाज, आनंद गुप्ता, अजित सिंह, लव प्रताप सिंह, संजय सिन्हा सहित काफी संख्या में पदयात्री एवं आमजन उपास्थित थे।

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