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बिलासपुर – दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण सप्ताह (08 से 14 दिसंबर) के अवसर पर आज ज़ोनल सभागार, बिलासपुर में ऊर्जा संरक्षण पर आधारित तकनीकी संगोष्ठी का आयोजन किया गया । इस वर्ष का विषय “हरित परिवर्तन – ऊर्जा बचत” रखा गया, जिसके अंतर्गत दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा ऊर्जा दक्षता, नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग, नवीन तकनीकों और विभिन्न उपलब्धियों पर विस्तृत चर्चा की गई ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक श्री तरुण प्रकाश थे । इस अवसर पर प्रधान मुख्य विद्युत अभियंता श्री राजीव कुमार बरनवाल सहित विभिन्न विभागाध्यक्ष, वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में कर्मचारी उपस्थित रहे ।
अपने संबोधन में महाप्रबंधक श्री तरुण प्रकाश ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण कोई एक सप्ताह का कार्यक्रम नहीं, बल्कि निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है । उन्होंने कहा कि ऊर्जा-दक्ष तकनीकों का उपयोग, नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा, और कर्मचारियों की जागरूकता—इन्हीं तीन स्तंभों पर आधारित होकर भारतीय रेल वर्ष 2030 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर है । उन्होंने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा सौर ऊर्जा उत्पादन, ऊर्जा-कुशल उपकरणों के उपयोग, मुख्यालय पर आधारित विद्युत आपूर्ति (एच.ओ.जी.), पुनर्जीवन ब्रेकिंग तथा परिचालन सुधारों के माध्यम से हासिल की गई महत्वपूर्ण ऊर्जा बचत की सराहना की ।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में स्थापित 6.63 मेगावॉट क्षमता के छत पर लगाए गए सौर संयंत्र, भिलाई में स्थापित 50 मेगावॉट भूमि आधारित सौर संयंत्र तथा आगामी 8.9 मेगावॉट अतिरिक्त सौर क्षमता से जुड़ी प्रगति के साथ ही ऊर्जा-कुशल पंखों, अधिक दक्षता वाले विद्युत उपकरणों, स्वचालित जल पंपिंग व्यवस्था, प्लेटफॉर्म प्रकाश व्यवस्था में किए गए सुधार तथा एच.ओ.जी. रैक के माध्यम से डीज़ल बचत जैसे महत्वपूर्ण प्रयासों का भी महाप्रबंधक ने उल्लेख किया ।
संगोष्ठी में विद्युत सामग्री निर्माता कम्पनी द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग हेतु उन्नत ऊर्जा संचयन मॉड्यूल (बैटरी स्टोरेज प्रणाली) का प्रदर्शन भी किया गया, जिसने उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों का विशेष ध्यान आकर्षित किया । यह प्रणाली भविष्य में रेलवे परिसरों में ऊर्जा संचयन की क्षमता बढ़ाने और ऊर्जा दक्षता सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी ।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ऊर्जा संरक्षण और हरित तकनीकों के क्षेत्र में निरंतर अग्रणी भूमिका निभा रहा है और भविष्य में भी सतत विकास की दिशा में अपने प्रयास जारी रखेगा ।

