Sarguja express…
अंबिकापुर. बुधवार को सर्व बीईओ, एबीईओ, बीआरसीसी, शासकीय प्राचार्य, उ०मा०वि०/ हाई स्कूल/सेजेस/पीएमश्री एवं अधीक्षिका, कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय जिला-सरगुजा की बैठक कलेक्टर, सरगुजा की अध्यक्षता में प्रातः 11:00 बजे से शासकीय कन्या उ०मा०वि०अम्बिकापुर, सरगुजा के सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में संजय गुप्ता संयुक्त संचालक शिक्षा, सरगुजा संभाग, डॉ० दिनेश कुमार झा जिला शिक्षा अधिकारी सरगुजा, अनिल बारी कोष लेखा एवं पेंशन, प्रधान महिला एवं बाल विकास विभाग, सर्वजीत पाठक जिला मिशन समन्वयक, रविशंकर तिवारी सहायक संचालक, रमेश सिंह एडीपीओ, सुनील तिवारी एपीसी, स्वास्थ्य विभाग एवं परिवहन विभाग के साथ-साथ अन्य अधिकारीगण एवं समाज सेवक उपस्थित थे। सर्वप्रथम कलेक्टर द्वारा शिक्षा गुणवत्ता पर विशेष जोर देते हुये किस प्रकार से इस वर्ष बोर्ड परीक्षा के परिणामों को अच्छे स्तर पर ले जाया जा सकता है इस संबंध में अधिकारियों एवं प्राचार्यों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। इनके द्वारा विद्यालय के समस्त शिक्षकों को एक-एक बच्चे के भविष्य की जिम्मेदारी दी गई। इनके द्वारा कहा गया कि किस प्रकार से एक कमजोर तबके के बच्चों को आगे ले जाया जा सकता है उसकी योजना तैयार करें। अनुपस्थित रहने वाले बच्चों के पालकों से संपर्क करें उनकी परेशानियों को सुनें ताकि विद्यार्थी परीक्षा से वंचित न रहे। विद्यालयों की साफ-सफाई एवं एमडीएम पर विशेष ध्यान देवें। अपने अनुभव साझा करते हुये कलेक्टर महोदय द्वारा बताया गया कि किस प्रकार से निरीक्षण के दौरान प्राचार्य / प्रधान पाठक विद्यालय की भौतिक कमियां गिनाने लगते हैं। जबकि इसके साथ-साथ इन्हें शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने हेतु तथा बच्चों की जरूरतों के संबंध में खुलकर बातें करनी चाहिए। किस प्रकार से विद्यालय में एक अच्छा शैक्षणिक वातावरण तैयार किया जा सकता है इस पर चर्चा करनी चाहिए।

इसके पश्चात् अनिल बारी, संयुक्त संचालक, कोष लेखा एवं पेंशन द्वारा सेवा पुस्तिका संधारण, पेंशन प्रकरण, जीपीएफ प्रकरण के संबंध में आवश्यक विस्तृत दिशा निर्देश दिये गये। समाजसेवी एवं पालक श्रीमती शिल्पा पाण्डेय द्वारा बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई। इनके द्वारा बताया गया कि किस प्रकार से काउंसलिंग कर बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को सुधारा जा सकता है ताकि बच्चे किसी प्रकार के गलत कदम ना उठायें। बच्चों को गुड टच एवं बैड टच के बारे में जागरूक करने हेतु कहा गया। एल०पी०गुप्ता, प्राचार्य द्वारा विभागीय जांच के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई एवं आवश्यक दिशा निर्देश प्राचार्यों को दिये गये।
श्री शैलेन्द्र गुप्ता जी द्वारा नशामुक्ति के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश प्राचार्य एवं प्रबंधकों को दिये गये। इनके द्वारा बताया गया कि किसी भी कार्यालय / शिक्षण संस्थान परिसर के बाहर 200 गज के दायरे तक किसी भी नशीली पदार्थ का विक्री ना हो। साथ ही शासकीय संस्थाओं एवं कार्यालयों में इस संबंध में अनिवार्य रूप से चस्पा किया जाये कि उक्त संस्था/कार्यालय में किसी प्रकार के मादक पदार्थों का सेवन नहीं किया जाता है।
महिला बाल विकास अधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि महिलाओं का लैंगिक शोषण अधिनियम 2013 लागू हुआ है और जितने भी शासकीय/अशासकीय / अर्द्धशासकीय संस्थायें हैं वहां इस अधिनियम के तहत् समिति का गठन किया जाना है। समिति गठित करने के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये।
नीलम बंसोड़े, प्रथम श्रेणी न्यायाधीश, सचिव, जिला विधिक प्राधिकरण द्वारा जिले में बढ़ रहे अपराधिक मामलों के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई एवं प्राचार्यों से कहा गया कि किस प्रकार से प्राचार्य एवं शिक्षक अपने स्तर से बच्चों को बढ़ रहे अपराध के संबंध में जागरूक कर सकते हैं। क्योंकि विद्यार्थी जीवन में एक शिक्षक की अहम भूमिका होती है। समाज को एक अच्छा नेतृत्व प्रदान करने में सभी प्राचार्य एवं शिक्षक आगे आयें।
रविशंकर पाण्डेय प्राचार्य द्वारा सरगुजा 30 एवं संकुलों में संचालित कोचिंग के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई एवं नोडल प्राचार्यों को वर्तमान स्थिति से अवगत कराया गया। संजय गुप्ता संयुक्त संचालक शिक्षा सरगुजा संभाग एवं डॉ० दिनेश कुमार झा जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा बैठक में दिये गये निर्देशों का पालन करने, एक अच्छी कार्य योजना बनाकर शिक्षा गुणवत्ता में सुधार करने हेतु निर्देशित किया गया। सभी पाठ्यक्रम समय पर पूर्ण करने, परीक्षा पूर्व तैयारी, मॉडल एवं अनसॉल्वड पेपर हल कराने संबंधी निर्देश दिये गये। परीक्षाफल पूरे प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ लाने हेतु सभी प्राचार्यों का आह्वान किया गया। अंत में श्री रविशंकर तिवारी, सहायक संचालक द्वारा आभार व्यक्त करते हुये बैठक समाप्त किया गया।

