Sarguja express….
प्रतापपुर। प्रतापपुर क्षेत्र में हाथियों और मनुष्यों के बीच बढ़ता संघर्ष अब विकराल रूप ले चुका है। शनिवार दोपहर करीब 3:30 बजे एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जब जंगली हाथियों ने ग्राम रमकोला पण्डोपारा निवासी सरफुद्दीन पिता मोहम्मद हबीब (उम्र लगभग 55 वर्ष) को कुचलकर मौत के घाट उतार दिया। घटना से पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई है। वर्षों से लगातार जारी हाथी–मानव संघर्ष के बाद भी शासन–प्रशासन द्वारा कोई ठोस जमीनी पहल न किया जाना ग्रामीणों के आक्रोश और भय दोनों को बढ़ा रहा है। दस्तावेजों में योजनाएं अवश्य मौजूद हैं, लेकिन जंगलों में हाथियों की गतिविधियों और सुरक्षा व्यवस्थाओं की हालत बेहद कमजोर है।
सरफुद्दीन अपने साथियों सद्दाम, लालबाबू पण्डो, रतन पण्डो और अजमेर अली के साथ गुम हुई गाय और जड़ी-बूटी की तलाश में कक्ष क्रमांक आरपी की ओर गए थे। रास्ते में विभाग के सुरक्षाकर्मियों एवं वनरक्षकों ने फोन कर स्पष्ट चेतावनी दी थी कि जंगल के भीतर हाथियों का दल सक्रिय है और आगे बढ़ रहा है। साथियों ने भी लौटने की सलाह दी, मगर सरफुद्दीन ने कहा — गाय गुम हो गई है, पता लगाकर तुरंत लौट आते हैं।
गाय मिल जाने के बाद लौटते समय कोदवारी के पास अचानक उनका सामना जंगली हाथियों से हो गया। सभी साथी अपनी-अपनी बाइक छोड़कर भाग निकले, लेकिन सरफुद्दीन झाड़ियों में छिप गए। साथी लगातार चिल्लाते रहे हाथी तुम्हारी तरफ आ रहा है, बाहर निकलो! लेकिन सरफुद्दीन वहां से हट नहीं पाए और हाथियों के हमले का शिकार हो गए।
सूचना पर गेम रेंजर अजय सोनी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। बाकी साथियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। देर शाम तलाश के बाद सरफुद्दीन का शव कोदवारी के पास बरामद हुआ। इसके बाद थाना रमकोला पुलिस को सूचना दी गई। वन विभाग, पुलिस, ग्रामीणों और सरपंच प्रतिनिधि की मौजूदगी में रात करीब 11:30 बजे शव को जंगल से निकालकर परिजनों को सौंपा गया।
परिजनों को वन विभाग ने दी 25 हजार की तत्कालीन सहायता राशि
घटना के बाद वन विभाग ने मानवीय आधार पर मृतक की पत्नी जमीरन बीबी को 25,000 की तत्कालीन सहायता राशि प्रदान की। यह सहायता तमोर पिंगला अभ्यारण्य के अधीक्षक विजय भूषण केरकेट्टा, सरपंच एवं ग्रामीणों की उपस्थिति में गेम रेंज ऑफिसर पिंगला अजय कुमार सोनी द्वारा सौंपी गई। रेंजर सोनी ने बताया कि यह प्राथमिक राहत है। आगे नियमानुसार संपूर्ण मुआवजा प्रकरण उच्च अधिकारियों को भेजा जाएगा। परिजनों ने इस आर्थिक सहायता के लिए वन विभाग का आभार व्यक्त किया। वहीं क्षेत्रवासियों ने हाथी–मानव संघर्ष पर स्थायी समाधान की मांग एक बार फिर जोरदार ढंग से उठाई।

