Sarguja express
अंबिकापुर. राजमाता श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय सम्बद्ध चिकित्सालय, अंबिकापुर के सीएनई. सेल ने गठन के मात्र एक वर्ष के भीतर उत्तराखंड, नैनीताल में आयोजित तीन दिवसीय विश्व स्तरीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शोध पत्र प्रस्तुत कर अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराई।
इस सम्मेलन में सुश्री दीपिका तिर्की (नर्सिंग सिस्टर), सुश्री प्रिया परीडा (स्टाफ नर्स) एवं सुश्री संगीता सिंह (स्टाफ नर्स) ने संस्थान का प्रतिनिधित्व किया। देश-विदेश के विभिन्न संस्थानों से आए विशेषज्ञों ने भारत में स्वास्थ्य सेवा को सशक्त करने हेतु बहुविषयक दृष्टिकोण पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।
डब्ल्यू.एच.ओ. के सहयोग से पाल ग्रुप, नैनीताल द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में इमरजेंसी एवं ट्रॉमा केयर पर भारत की स्वास्थ्य प्रणाली को अधिक प्रभावी, उत्तरदायी एवं व्यवहारिक बनाने हेतु उपयोगी व्याख्यान प्रस्तुत किए गए।
अधिष्ठाता तथा अस्पताल अधीक्षक एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दक्षिण पूर्व एशिया में सहयोग के लिए नियुक्त क्षेत्रीय नर्सिंग लीड, श्रीमती रूपा रावत तथा संगवारी’ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. योगेश्वर कलकोंडे के मार्गदर्शन में तैयार किए गए शोध पत्र को सुश्री प्रिया परीडा द्वारा उक्त अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया। अंतरराष्ट्रीय मंच पर शोध पत्र प्रस्तुति संस्थान की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
सुश्री प्रिया परीडा ने एम्पोवेरिंग फॉर ट्रांस-डिसिप्लिनरी केयर फॉर प्रोफेशनल्स थ्रू कंटीन्यूअस इन-सर्विस एजुकेशन, क्वालिटी केयर डिलीवरी एट गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल अंबिकापुर विषय पर अपना शोध प्रस्तुत किया।
यह प्रस्तुति इस बात का स्पष्ट संकेत है कि निरंतर नर्सिंग शिक्षा के माध्यम से नर्सिंग एवं स्वास्थ्य कर्मियों की दक्षता बढ़ाकर संस्थान में उपचार और देखभाल की गुणवत्ता को नई ऊँचाइयों पर ले जाया जा सकता है।
अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल छत्तीसगढ़ का पहला ऐसा संस्थान है, जहां औपचारिक सीएनई. सेल का गठन किया गया है। इस सेल के माध्यम से चिकित्सा क्षेत्र में नए परिवर्तन, मरीज-केन्द्रित संवेदनशील देखभाल, पेशेवर दक्षता, तथा सकारात्मक व्यवहार के लिए नर्सिंग स्टाफ को नियमित रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है।
इस उपलब्धि पर अधिष्ठाता डॉ. अविनाश मेश्राम एवं अस्पताल अधीक्षक डॉ. आर.सी. आर्या ने टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि न केवल संस्थान के लिए गौरव का विषय है, बल्कि मरीजों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। उन्होंने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करते हुए संस्थान को नई दिशा में आगे बढ़ाने पर बल दिया।

