21 November 2025
जिस महाविद्यालय में छात्र जीवन के सुनहरे वर्ष बिताए, आज उसी संस्थान में प्राचार्य के रूप में लिया प्रभार
आदेश नियुक्ति पदभार राज्य शिक्षा

जिस महाविद्यालय में छात्र जीवन के सुनहरे वर्ष बिताए, आज उसी संस्थान में प्राचार्य के रूप में लिया प्रभार

Sarguja express….

डॉ अनिल कुमार सिन्हा बनाए गए राजीव गांधी शास्कीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य

अंबिकापुर. डॉ अनिल कुमार सिन्हा को उनके
वर्तमान कर्तव्यों के साथ-साथ अस्थाई रुप से आगामी आदेश तक राजीव गांधी शास्कीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अम्बिकापुर जिला-सरगुजा के प्रभारी प्राचार्य का अतिरिक्त प्रभार एवं महाविद्यालय का आहरण संवितरण अधिकार सौंपा गया है।
उक्त आदेश के परिपालन में शुक्रवार को पूर्वान्ह उन्होंने प्रभारी प्राचार्य के अतिरिक्त प्रभार पर कार्यभार ग्रहण कर लिया है।

सबसे बड़े महाविद्यालय का कार्यभार ग्रहण कर डॉक्टर अनिल कुमार सिन्हा ने कहा कि यह एक बहुत सम्मानजनक और प्रेरणादायक अवसर होता है कि जिस महाविद्यालय में आपने अध्ययन किया, वहीं आपको प्राचार्य बनने का गौरव प्राप्त हो।
यह मेरे लिए अत्यंत गर्व और भावनात्मक प्रसन्नता का क्षण है कि जिस महाविद्यालय में मैंने अपने छात्र जीवन के सुनहरे वर्ष बिताए, आज उसी संस्थान में प्राचार्य के रूप में कार्य करने का अवसर मिला है। इस महाविद्यालय ने मुझे न केवल शिक्षा दी, बल्कि जीवन के संस्कार, मूल्य और उद्देश्य भी दिए। आज जब मैं इसी संस्था की प्रगति और छात्रों के भविष्य के लिए कार्य करने जा रहा हूँ, तो मेरे भीतर जिम्मेदारी की भावना और भी गहरी हो जाती है। मैं अपने गुरुओं, साथियों और समस्त महाविद्यालय परिवार का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ और संकल्प लेता हूँ कि संस्था के गौरव को उच्च स्तर तक ले जाने के लिए पूर्ण निष्ठा, पारदर्शिता और समर्पण के साथ कार्य करूँगा।

 

1983 मे लिया था फर्स्ट ईयर में प्रवेश

डॉ अनिल कुमार सिन्हा ने इस कालेज में 1983 में बीए फर्स्ट ईयर में एडमिशन लिया था।
1988 में एमए ज्योग्राफी यूनिवर्सिटी में मेरिट के साथ की। सन् 2000 मे पीएचडी करने के बाद 13 फरवरी
1990 मे महाविद्यालय सेवा में प्रथम नियुक्ति तिथि थी।
13 सितंबर 1993 में लोक सेवा आयोग से चयनित होकर वे नियमित हुए। प्रारंभिक पद स्थापना वर्तमान बेमेतरा जिले के नवागढ़ महाविद्यालय में थी, तत्पश्चात शासकीय महाविद्यालय वाड्रफनगर पदस्थ रहे.7 वर्षों तक विश्वविद्यालय में प्रतिनियुक्ति पर प्रशासनिक कार्य का संपादन भी उनके द्वारा किया गया.

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