21 November 2025
अमेरा ओपन कास्ट खदान के लिए 1 इंच नहीं देंगे जमीन…. ग्रामीणों ने कहा भ्रम फैलाने का किया जा रहा कार्य
ग्राउंड रिपोर्ट देश फैसला बड़ी खबर मांग राज्य विरोध

अमेरा ओपन कास्ट खदान के लिए 1 इंच नहीं देंगे जमीन…. ग्रामीणों ने कहा भ्रम फैलाने का किया जा रहा कार्य

Sarguja express….

अंबिकापुर.एसईसीएल विश्रामपुर क्षेत्र के ओपन कास्ट खुली खदान अमेरा का विस्तार कार्य परसोडीकला की ओर किया जा रहा है जिसको लेकर के ग्रामीण काफी समय से आंदोलनरत है और अपने जमीन को खदान के लिए एक इंच भी नहीं देने की बात कह रहे हैं इसको लेकर के प्रशासनिक स्तर पर काफी दबाव बनाया गया लेकिन ग्रामीणों ने एक नहीं सुनी और आज पर्यंत अपने जमीन को लेकर के ग्रामीण आंदोलनरत हैं गत दिन ग्रामीण और संबंधित कोल प्रबंधन कंपनी के अधिकारियों के बीच काफी झड़प हुई इसके बाद शनिवार को ग्राम पंचायत के निस्तार के लिए बनाई गई तालाब की खुदाई संबंधित कंपनी के द्वारा किया गया था जिसको लेकर के ग्रामीणों ने काफी विरोध किया मगर प्रशासनिक अधिकारियों के समझाइस के बाद मात्र निस्तार तालाब के खोदे गए जगह की कोयला निकाले जाने हेतु लोगों के बीच सहमति बनी,
<span;>जिसको लेकर के ग्रामीणों ने कहा कि एक क्षेत्र में भ्रम फैलाया जा रहा है की खदान विस्तार हेतु ग्रामीण एवं कोल प्रबंधन कंपनी के बीच सहमति बन गई है इस बात की भनक जब ग्रामीणों के बीच पता चला तो ग्रामीणों में काफी आक्रोश है हालांकि  ग्राम पंचायत का निस्तार तालाब को जब प्रबंधन के द्वारा जबरदस्ती खोद लिया गया है तो वहां पड़े कोयला को निकालने दे रहे हैं लेकिन आगे 1 इंच जमीन नहीं देंगे.

ना हमें चाहिए नौकरी ना चाहिए मुआवजा हमें चाहिए अपना जमीन

ग्रामीणों ने कहा कि ओपन कास्ट खदान अमेरा परियोजना का विस्तार ग्राम पंचायत परसोडीकला की ओर किया जा रहा है जिसका आज भी विरोध है और आने वाले समय में भी रहेगाग्रामीणों ने कहा कि खदान विस्तार के लिए ग्राम पंचायत की ओर 1 इंच जमीन नहीं देंगे ना हमें नौकरी चाहिए ना ही हमें मुआवजा हमें अपना जमीन ही चाहिए.ग्राम ग्रामीणों ने कहा कि अपनी जमीन बचाए जाने हेतु हमें किसी हद तक लड़ने के लिए तैयार हैं.जब ग्रामीण और कोल प्रबंधन कंपनी तथा प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बात बनी उसे दौरान ग्रामीणों के द्वारा अधिकारियों को एक आवेदन सौंपा जिसमें प्रबंधन के द्वारा गांव के जमीन को साथ ही फसल को नुकसान नहीं पहुंच जाने की बात कही गई है.

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