Sarguja express…..
अंबिकापुर. सरगुजा जिले के बालमपुर में तीन दिवसीय चंगाई सभा के आयोजन का हिंदूवादी संगठन के पदाधिकारियों ने विरोध कर दिया। विरोध के बाद तनाव की स्थिति बन गई। मौके पर पहुंचे एसडीओपी और तहसीलदार के अमले ने चंगाई सभा को बंद करने का निर्देश दिया। विरोध के बाद चंगाई सभा स्थगित कर दी गई। आयोजन में करीब पांच सौ लोग जुटे थे। मामला बतौली थाना क्षेत्र का है।
>जानकारी के मुताबिक, बतौली ब्लॉक के बालमपुर पंचायत अंतर्गत रतनपुर में ईसाई समाज द्वारा तीन दिवसीय चंगाई सभा का आयोजन किया गया था। इसमें बतौली के साथ ही सीतापुर और मैनपाट ब्लॉकों से करीब 500 लोग बुधवार को शामिल होने के लिए पहुंचे। इसकी जानकारी हिंदूवादी संगठन के लोगों को लगी तो करीब 100 की संख्या में संगठन के लोग मौके पर पहुंच गए और चंगाई सभा की आड़ में धर्मांतरण का आरोप लगाकर हंगामा कर दिया। एसडीओपी, तहसीलदार ने बंद कराया आयोजन हंगामे के कारण मौके पर तनाव की स्थिति बन गई। इसकी सूचना पर सीतापुर एसडीओपी राजेंद्र मंडावी और बतौली तहसीलदार गोविंद सिन्हा सहित प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा। आयोजन का विरोध करने वाले हिंदूवादी संगठन के लोगों ने आरोप लगाया कि चंगाई सभा के माध्यम से धर्मांतरण की कोशिश की जा रही है।
विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने तहसीलदार बतौली को लिखित आवेदन सौंपकर चंगाई सभा को तत्काल रोकने की मांग की। एसडीओपी सीतापुर और बतौली तहसीलदार ने तत्काल आयोजन को बंद करने का निर्देश दिया। हिंदूवादी संगठन के लोगों ने टेंट-पंडालों को उखाड़ दिया।
बिना अनुमति किया जा रहा था आयोजन बतौली तहसीलदार ने बताया कि आयोजन के लिए किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई थी। आयोजकों को बिना अनुमति बड़े आयोजन को लेकर हिदायत दी गई है कि कोई भी कार्यक्रम बिना अनुमति के न कराए जाएं।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि तीन दिवसीय आयोजन के लिए मैदान में टेंट, पंडाल लगाए गए थे और इसमें बाहर के पास्टर बुलाए गए थे। ग्रामीणों ने चेताया है कि भविष्य में यदि ऐसे आयोजन बिना अनुमति किए गए, तो पूरा गांव सड़कों पर उतर आएगा।
धर्मांतरण की साजिश का आरोप
विरोध प्रदर्शन में शामिल नरेंद्र कुमार पैकरा, मनोज लकड़ा,राजेश्वर मिंज, संदीप लकड़ा और अन्य युवकों ने कहा कि यह धर्मांतरण की साजिश है। ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर धर्मांतरण का प्रयास किया जा रहा है, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विरोध प्रदर्शन में राजाराम, उमेश्वर, जयप्रकाश, रामकुमार, सुखलाल, प्रदीप, सर्वेश्वर, घाशीराम, धनेश्वर, रामचमर साय, अनिल एक्का, देवशंकर, सुशील, चंदर मिंज सहित बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण शामिल थे।

