
Sarguja express…..
अंबिकापुर.सरगुजा संभाग की सबसे बड़ी घुनघुट्टा श्याम परियोजना अब अपनी पुरानी कमियों को दूर कर एक नई तस्वीर पेश करने जा रही है। सालों से रिसाव, जर्जर स्ट्रक्चर और मिट्टी के कटाव के कारण जिन 60 गांवों तक पर्याप्त पानी नहीं पहुंच पा रहा था, उन्हें अब शुद्ध और पर्याप्त सिंचाई जल मिलेगा। करीब 7 करोड़ रुपए की लागत से नहरों की पक्की लाइनिंग का काम तेजी से चल रहा है।
परियोजना से जुड़ी नहरों में जर्जरता और रिसाव बड़ी समस्या थी। चूहे, केकड़े और सांपों के बिलों के कारण पानी का नुकसान होता था। इससे निपटने के लिए अब पूरी नहर में मजबूत सीमेंटेड लाइनिंग डाली जा रही है।

परियोजना के अंतर्गत 17 किमी नहर लाइनिंग का काम पूरा हो चुका है, जबकि 5 किमी हिस्सा अंतिम चरण में है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पक्की सीमेंटेड लाइनिंग से रिसाव और मिट्टी कटाव दोनों पर प्रभावी रोक लगेगी। पहले बर्बाद हो जाने वाला पानी अब सीधे खेतों तक पहुंचेगा, जिससे किसानों की सिंचाई लागत (डीजल खर्च) घटेगी और पैदावार बढ़ेगी। घुनघुट्टा श्याम परियोजना की नींव 80 के दशक में रखी गई थी। करीब पांच साल पहले, इसी डैम को अमृत मिशन योजना के तहत अंबिकापुर शहर को पेयजल आपूर्ति के लिए जोड़ा गया। आज यही डैम रोज़ाना डेढ़ करोड़ लीटर साफ पानी शहर को पीने के लिए उपलब्ध कराता है। इस बांध की संरचना इतनी मजबूत और वैज्ञानिक है कि औसत से कम बारिश होने पर भी यह कभी खाली नहीं हुआ।


 
																		 
																		 
																		 
																		