4 November 2025
श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित होंगे रंजय सिंह
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श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित होंगे रंजय सिंह

Sarguja express

सूरजपुर :-

शासन द्वारा 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर श्रेष्ठ कार्य करने वाले शिक्षकों का सम्मान विकासखंड से लेकर के राज्य तक किया जाता है, इस वर्ष का राज्यपाल पुरस्कार शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले क्रिएटिव शिक्षक रंजय सिंह को राज्यपाल पुरस्कार राज भवन रायपुर में राज्यपाल एवं शिक्षा मंत्री के द्वारा प्रदान किया जाएगा ।
रंजय सिंह के द्वारा सहायक शिक्षक के रूप में प्राथमिक शाला सारसताल सोनगरा में एवं प्रधान पाठक के पद पर प्राथमिक शाला सड़कपारा तुलसी में अपनी सेवाएं दी गई हैं ,इनके द्वारा बच्चों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान देते हुए संस्कार युक्त शिक्षण देने का कार्य किया जाता रहा है जिसका ग्रामीण सहित बच्चों ने समय-समय पर खुशी एवं प्रशंसा व्यक्त की है ।

रंजय सिंह के द्वारा जो विभिन्न काम किए गए हैं उनमें श्रेष्ठ कार्य स्थानीय गीत कविता में अध्यापन कराना ,खेल-खेल में बच्चों को सीखने का अवसर देना ,बच्चों का स्मरण शक्ति एवं बोलने का विकास हेतु प्रतिदिन प्रार्थना सभा में सामान्य ज्ञान करना के साथ ही वृहद कीचड़ गार्डन विकसित करना ,बच्चों का पहनावा टाई बेल्ट के साथ बच्चों के रहन-सहन का बदलाव करना है। ऐसे बच्चे जो विद्यालय में कम उपस्थित रहते हैं उन बच्चों के लिए रोचक शैक्षणिक वातावरण का निर्माण कर सभी बच्चों को शाला से जोड़ना इनका प्रमुख लक्ष्य रहा है कोई बच्चा यदि दो दिवस से ज्यादा बिना बताए अनुपस्थित रहता है तो रंजय सिंह घर तक बच्चों के जा करके उनको विद्यालय में लाने का कार्य करते रहे हैं ।
इन्हें विकास खण्ड स्तर पर श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान,जिला स्तर पर शिक्षा दूत सम्मान के साथ-साथ अन्य कई सम्मान भी समय-समय पर शिक्षा विभाग के द्वारा दिए गए हैं इन्होंने शासन से पूर्व में प्राप्त पुरस्कार की राशि का उपयोग अपने बच्चों को स्टेशनरी एवं अन्य सुविधाएं प्रदान करने में किया है । शिक्षक दिवस के अवसर पर ऐसे शिक्षकों के कार्यों का अनुसरण करना अन्य शिक्षकों के लिए उदाहरण हैं ,रंजय सिंह के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में सभी वर्ग के बच्चों को एक साथ बैठाकर भोजन मंत्र के साथ प्रतिदिन मध्यान भोजन कराया जाता है मध्यान भोजन करते समय संस्कृत के कठिन श्लोक का उच्चारण छात्र-छात्राएं प्रतिदिन करते हैं जिसे रंजय सिंह के द्वारा समय-समय पर सोशल मीडिया के माध्यम से भी प्रदर्शित किया गया है।

ग्रामीण परिवेश में स्थानीय भाषा का उपयोग कर जो अध्यापन इनके द्वारा किया जाता है वह बच्चों के लिए कर के सीखने वाला होता है जो अत्यधिक लाभकारी साबित हुआ है बच्चे शिक्षक की प्रत्येक बात को मानते हैं शिक्षक बच्चों को केंद्रित करके अध्यापन कार्य करते हैं ।
अशासकीय संस्थाओं से ग्रामीणों का मोह भंग कर एक उदाहरण प्रस्तुत किया है कि शासकीय विद्यालय भी किसी से कम नहीं है ,श्री सिंह जहां भी पदस्थ रहे है वहां पर अशासकीय संस्थाओं में जाने वाले बच्चे अशासकीय संस्था से नाम कटा कर इनके शासकीय विद्यालय में अपना नाम लिखवा कर संस्कार युक्त शिक्षा प्राप्त किए हैं जो अन्य विद्यालयों के लिए अनुकरणीय है ।
रंजय सिंह अच्छे कार्य के कारण एक आदर्श शिक्षक की श्रेणी में आते हैं इनके द्वारा समय से पूर्व विद्यालय आना पूरे समय तक विद्यालय में रहकर शैक्षणिक प्रत्येक गतिविधियों में अपनी सहभागिता दर्ज करना ,किचन गार्डन पोषण वाटिका विकसित करने में ग्रामीण बच्चों का सहयोग लेकर के ताजी पौष्टिक सब्जी विद्यालय में उपलब्ध कराते हैं मध्यान भोजन के समय बच्चे एक अतिरिक्त सब्जी का सेवन करते हैं क्योंकि बच्चे एवं शिक्षक सभी काम को एक साथ मिलकर के करते हैं ऐसी स्थिति में बच्चों में कृषि के गुण भी विकसित होते हैं ।
शिक्षक द्वारा सामान्य ज्ञान में ग्राम स्तर से लेकर के राज्य एवं देश स्तर तक के सामान्य ज्ञान कराए जाते हैं जिसमें केंद्रीय, राज्य ,जिला एवं गांव में पदस्थ उच्च अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियो के नाम भी शामिल हैं। बच्चे शिक्षक को आदर्श मानते हैं घर में घरेलू कार्य करने के बाद बच्चों को विद्यालय आना उनकी आदत में समाहित है ,ऐसे बच्चे जो निर्धन परिवार से हैं उन्हें स्टेशनरी सहित अन्य आवश्यक सामग्री अध्ययन हेतु समय-समय पर शिक्षक के द्वारा स्वयं के व्यय से प्रदान किया जाता रहा है ,प्रतिवर्ष उच्च कक्षा के विद्यार्थियों को विदाई समारोह आयोजित कर साल में वार्षिकोत्सव का आयोजन भी इनके द्वारा किया जाता रहा है जिसमें उच्च गुणवत्ता वाले गीत नृत्य की प्रस्तुति होती है जो अन्य विद्यालयों में देखने को नहीं मिलता है ।
रंजय सिंह एक आदर्श शिक्षक के रूप में अन्य शिक्षकों हेतु प्रेरणा स्रोत हैं 1996 से वैकल्पिक शाला में शिक्षक के पद पर कार्य की शुरुआत करते हुए संविदा शिक्षक, शिक्षा कर्मी वर्ग 03, सहायक शिक्षक पंचायत, सहायक शिक्षक एलबी एवं वर्तमान में प्रधान पाठक के दायित्वों का निर्वहन इनके द्वारा किया जा रहा है विभिन्न पदों का कुशल निर्वहन इनके द्वारा किया गया है ।

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