Sarguja express……
रामानुजगंज। सर्दी में चाय का नाम सुनते ही एक अलग ताजगी,आनंद,उत्साह का संचार होने लगता है।चाय के शौकिनों के लिए दूध की कड़क चाय तो सचमुच संजीवनी शक्ति का काम करती है।इस चाय की चुस्कियों के साथ आज हम आपको एक एक ऐसे बुजुर्ग दंपति की दास्तान बताने जा रहे हैं जिनकी उम्र लगभग 80 के आसपास है। रामानुजगंज रोड में स्थित गोपाल फ्यूल के पीछे निवासरत विक्रम महतो और उनकी पत्नी मीरा कुशवाहा विगत 30 वर्षों से चोरपहरी में बाटुल की दुकान में सुबह शाम चाय की चुस्कियां लेते आपको नजर आएंगे। प्रतिदिन चाहे वह कड़कड़ाती ठंड हो, मूसलाधार बारिश का समय हो या फिर चिल्लाती धूप हो,प्रत्येक दिन यह बुजुर्ग दंपति चाय पीने के लिए बाटुल की दुकान में जरूर पहुंचते हैं।
आप जानते हैं कि वर्तमान में चाय की सामान्य कीमत 10 रुपए प्रति कप है लेकिन इनको 5 रुपए प्रति कप के हिसाब से चाय मिल जाती है। अपने घर से चाय की दुकान लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर है ,सड़कें भी जर्जर हैं, उसके बावजूद भी ये दोनों साइकिल में सवार होकर विक्रम महतो पैदल चलते हुए साइकिल का हैंडल थामे अपनी पत्नी को पीछे बैठाकर भारी भरकम ट्रकों के बगल से होते हुए चाय पीने जरूर आते हैं। वर्तमान समय में बुलेट में सवार होकर या फॉर्च्यूनर में बैठ करके भी ऐसा आनंद पाना असंभव है। वर्तमान समय में जहां शादी के पूर्व ही या शादी के बाद या शादी के कुछ वर्षों के बाद पति-पत्नी के रिश्तों में जिस तरह से बिखराव देखने को मिल रहा है,रिश्ते जिस तरह से भरभराकर गिर रहे हैं, ऐसे समय में इन बुजुर्ग दंपतियों की दास्तान और यह दृश्य बिना कुछ कहे बहुत कुछ बयान करता है। शिक्षक आशीष गुप्ता बताते हैं कि मैं भंवरमाल में पढ़ता हूं कई वर्षों से देख रहा हूं कि वह चाय पीने बाटुल बुजुर्ग दंपति आते हैं। निजी शैक्षणिक संस्था के संचालक एमडी हाशमी बताते हैं कि बीते दो दशक से अधिक समय से बुजुर्ग दंपति को चाय पीने बाटुल आते देखते आ रहा हूं।
जर्जर सड़क,उड़ती धूल, पर उत्साह कम नहीं
चेहरे पर मुस्कान लिए प्रतिदिन बुजुर्ग दंपति साइकिल से चाय पीने आते हैं उनके उत्साह को कभी भी जर्जर सड़क, उड़ती धूल चलती बड़ी गाड़ियां एवं सड़क का उतार चढ़ाव कम नहीं कर पाय।
बैठ के चला नहीं पाते साइकिल पैदल लाते हैं चाय पिलाने
बुजुर्ग पति की ऐसी शारीरिक स्थिति नहीं है कि बुजुर्ग पत्नी को बैठाकर साइकिल पर चलाते हुए चाय पिलाने ला सके पर जिस कारण में पत्नी को साइकिल में पीछे करियर पर बैठकर धीरे-धीरे चाय पिलाने पैदल साईकिल लाते है।
नवदंपतियों के लिए हैं प्रेरणास्रोत जो छोटी-छोटी बातों में लड़ने झगड़ने लगते हैं
बुजुर्ग दंपति उन सभी नव दंपतियों के लिए प्रेरणा स्रोत है जो छोटी-छोटी बातों में लड़ने झगड़ने लगते हैं परंतु दोनों में ऐसा अटूट प्रेम की कठिन से कठिन काम दोनों के लिए सरल हो जाता है। उन्हें अपनी पत्नी को साइकिल में बैठाकर पैदल आने में कभी कठिनाई महसूस नहीं हुई चाहे बरसात हो रही हो भीषण गर्मी हो या ठंड हो।
चेहरे पर हमेशा रहती है मुस्कान एवं उत्साह
बुजुर्ग दंपति का प्रेम बाटुल में चाय पीने आने वाले लोगों के लिए चर्चा का विषय बना रहता है वहां सुबह से लेकर शाम तक कोई कोई दो चक्का एवं चार चक्का वाहन से आते रहते हैं परंतु सबसे अधिक चर्चा बुजुर्ग दंपति की ही होती है जिनके चेहरे पर हमेशा उत्साह एवं मुस्कान बना रहता है।