सूरजपुर। ग्राम पंचायत बगड़ा के वार्ड क्र. 18 में मतदाता सूची और वार्ड परिसीमन में कथित अनियमितताओं को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर जनदर्शन में ज्ञापन देकर सुधार की मांग की है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से वार्ड क्र. 18 में नियमों का उल्लंघन कर अनैतिक बदलाव किए गए हैं। वार्ड परिसीमन में अनियमितता का आरोप ग्रामीणों के अनुसार, वार्ड क्र. 18 में रहने वाले आदिवासी परिवारों को गलत तरीके से वार्ड क्र. 17 में स्थानांतरित कर दिया गया है। इसके विपरीत, संबंधित अधिकारी ने अपने रिश्तेदारों और परिवारजनों को वार्ड क्र. 18 में जोड़ दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह बदलाव नियमानुसार नहीं किया गया, क्योंकि इस वर्ष वार्ड परिसीमन का कोई निर्देश निर्वाचन आयोग से नहीं आया था। तहसीलदार का अड़ियल रवैया ग्रामीणों ने बताया कि इस मुद्दे पर तहसीलदार और पंचायत सचिव को आवेदन दिया गया था। लेकिन तहसीलदार ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि रायपुर जाओ, मैं नहीं करूंगा। ग्रामीणों का कहना है कि तहसीलदार द्वारा इस तरह का जवाब देना उनकी जिम्मेदारियों से भागने का स्पष्ट प्रमाण है। दावा आपत्ति का निराकरण पंचनामा से क्यों? ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि दावा आपत्ति की प्रक्रिया के दौरान पंचायत के कुछ पंचों ने राजनीति से प्रेरित होकर एक पंचनामा तैयार किया, जिसमें यह असत्य उल्लेख किया गया कि वार्ड में किसी तरह का कोई विवाद नहीं है। यह पंचनामा वार्डवासियों को गुमराह करने के उद्देश्य से तैयार किया गया। ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि क्या मतदाता सूची के दावे और आपत्तियों का निराकरण पंचनामा के आधार पर करना न्यायोचित है राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप ग्रामीणों का कहना है कि वार्ड क्र. 18 के वर्तमान पंच, जो भाजपा युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष भी हैं, अपने निजी हितों के लिए प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं। इससे प्रतीत होता है कि प्रशासन उनके निर्देशों के अनुसार कार्य कर रहा है। ग्रामीणों ने इसे पंचायत अधिनियम और निर्वाचन आयोग के नियमों का घोर उल्लंघन बताया। ग्रामीणों की मांग ग्रामवासियों ने मांग की है कि वर्ष 2018-19 की मतदाता सूची के अनुसार वार्ड क्र. 18 को यथावत रखा जाए। उनका कहना है कि वार्ड परिसीमन में किए गए बदलाव न केवल अनियमित हैं, बल्कि इससे ग्रामीणों के वोट का अधिकार भी प्रभावित हो रहा है। कलेक्टर से अपील और चेतावनी ग्रामीणों ने कलेक्टर से इस मामले में निष्पक्ष जांच कर उचित कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो वे मुख्यमंत्री जनदर्शन और उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होंगे। ग्रामीणों का संघर्ष जारी ज्ञापन सौंपने वाले ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि वे अपने अधिकारों के लिए अंत तक लड़ेंगे। उन्होंने प्रशासन से पारदर्शिता और न्याय की उम्मीद जताई है। ग्राम बगड़ा के वार्डवासियों द्वारा उठाई गई यह समस्या प्रशासनिक पारदर्शिता और जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी पर सवाल खड़ा करती है। अब यह देखना होगा कि कलेक्टर इस मामले में क्या
कदम उठाते हैं और ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान कैसे किया जाता है।