Sarguja express….
अंबिकापुर
कैंसर’ बीमारी का नाम सुनते ही शरीर सिहर उठता है। इसका ऑपरेशन पिछले कुछ वर्षों से अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में होने लगा है,जबकि सरगुजा में कैंसर के ऑपरेशन के लिए भवन व संसाधन की कमी है, बावजूद इसके अभी तक डेढ़ सौ से भी ज्यादा मुख व जबड़े के कैंसर का सफल इलाज कर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल ने अपनी योग्यता बताई है। लगभग 6 वर्ष पहले ऐसे ही एक व्यक्ति के जबड़े व गले की गांठ के कैंसर का उपचार मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर के सर्जन डॉक्टर एसपी कुजूर व मैक्सिलोफेशियल डॉक्टर अभिषेक हरीश ने किया था। वह ऑपरेशन भी सफल था। आज 6 वर्ष बाद वह व्यक्ति खुद अपने पैर से चलते हुए अस्पताल पहुंचा और चिकित्सा का शुक्रिया अदा किया। सूरजपुर जिले के भैया थान पटियाडांड निवासी 62 वर्षीय शिव भजन ने बताया कि जब 6 साल पहले उसे पता चला कि उसे कैंसर हो गया है तो कैंसर का नाम सुनते ही उसके और परिवार की हिम्मत टूट चुकी थी। चिकित्सकों के सफल ऑपरेशन ने उसे इस खौफ से बाहर निकाला। आज सामान्य जीवन जी रहे शिव भजन ने कहा कि अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है और खेती किसानी का काम भी बड़ी आसानी से कर रहे हैं।
बता दें कि संसाधन की कमी व समस्या को दूर रख कर हिम्मत व जज्बे के साथ वर्ष 2018 से सर्जरी विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉक्टर एसपी कुजूर व मैक्सिलोफेशियल डॉक्टर अभिषेक हरीश ने मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल अंबिकापुर में मुख कैंसर व जबड़े के कैंसर का ऑपरेशन शुरू किया था। वर्तमान की बात करें तो आज तक डेढ़ सौ से ज्यादा इससे संबंधित कैंसर के ऑपरेशन मेडिकल कॉलेज अस्पताल में किया जा चुके हैं। कई मामले तो ऐसे थे जो अस्पताल आते-आते काफी बिगड़ चुके थे परंतु उसे भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में इन चिकित्सकों ने सफल ऑपरेशन कर उनकी जिंदगी को बचाया।
अच्छा लगता है मरीज के चेहरे पर मुस्कान देखकर
डॉक्टर अभिषेक कहते हैं कि ओरल कैंसर की सर्जरी में जितनी देरी होती है उतना मरीज को नुकसान होता है। अम्बिकापुर में इलाज होने से आसपास के मरीजों को फायदा होगा। वे जितनी जल्दी हम तक आएंगे उतनी जल्दी उनकी सर्जरी सम्भव होगी। उन्होंने कहा कि कोई मरीज स्वस्थ होकर मुस्कुराते हुए घर जाता है तो उन्हें भी काफी खुशी महसूस होती है। 6 वर्ष बाद सामान्य जीवन जी रहे शिव भजन को देख कर वे काफी प्रसन्न हुए।