22 November 2024
खुद के जीवन के कष्ट को महसूस कर दूसरे के दर्द की बनी दवा… दिया नया जीवन…. समाज के लिए भी बनी प्रेरणा…. जाने क्या है पूरी हकीकत
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खुद के जीवन के कष्ट को महसूस कर दूसरे के दर्द की बनी दवा… दिया नया जीवन…. समाज के लिए भी बनी प्रेरणा…. जाने क्या है पूरी हकीकत

नवजीवन, सम्मान, एक नई पहल…कत्यानी विवाह को वसुधा महिला मंच ने किया प्रोत्साहित

अम्बिकापुर।वसुधा महिला मंच ने रविवार को डाक्टर पुष्पा सोनी के मुख्य आतिथ्य में, श्रीमती सन्तोष पांडे, श्रीमती सरिता सिह के विशिष्ठ आतिथ्य में , अलंकार ग्रीन्स में नवजीवन सम्मान से श्रीमती सुमन
पांडे सहायिका, आंगनबाड़ी का सम्मान किया, कार्यक्रम का संचालन करते हुए सुश्री वन्दना दत्ता ने बताया कि दीपा पांडे के पति का निधन कोरोना काल मे हो गया था, कम उम्र में एक बालक के साथ कत्यानी हुई दीपा को सुमन पांडे ने अपने कुंवारे पुत्र शिवयन पांडे से विवाह करके बच्चे और माँ दीपा को नया जीवन दिया।
सुमन पांडे ने भी अपने सम्बोधन में बताया कि विवाह के लिए समाज को समझाने में वक्त लगा पर सभी ने इस की सराहना की। अतिथियों ने अपने सम्बोधन में कहा कि दीपा और उनके बच्चे को अपनाने में सुमन जी और उनके पुत्र की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। समाज के लिए एक बहुत अच्छा संदेश है, जो अनुकरणीय है। वसुधा ने नवजीवन सम्मान की शुरुआत की, जिससे समाज मे महिलाओ को सम्मान जनक स्थान मिलेगा। वसुधा सदस्यो में रेखा इंगोले, सरिता भाटिया, बलविंदर टुटेजा, वन्दना सिह, तनुश्री मिश्रा, च्यती अग्रवल, अनुभा डबराल, ज्योति दवेदी, नमिता चावला, लीला बंसल, लिलि कहकशा, श्रद्धा खेरपाण्डेय, वाहिद अहमद ,सुधा शर्मा, हिना परवीन, सविता सिह, ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुवे, पांडेय परिवार की प्रशंसा की और सभी सदस्यों ने सुमन जी व दीपा को सम्मानित किया। इस तरह का सम्मान समाज को प्रेरणा देती है, इससे ही समाज मे बदलाव आता है, एक विधवा को भी अपनी जिंदगी खुशी से बिताने का अधिकार है, इससे समाज मे एक नई चेतना आती है लोग अनुकरण करेंगे।सुमन ने अपने दुःख को महसूस किया और दीपा को अपनाकर उंसको खुशी दी। शाल श्रीफल ट्रॉफी से नवजीवन सम्मान दिया गया।इस आयोजन से सभी भावुक हो गए।

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