अंबिकापुर। नगर के राजमोहिनी भवन में जनजाति गौरव समाज द्वारा वीरांगना महारानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर आयोजित परिचर्चा हुआ गोष्ठी कार्यक्रम में शामिल हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वीरांगना महारानी दुर्गावती को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि महारानी दुर्गावती नारी शक्ति के प्रतीक थी। उनकी शौर्य गाथा से सभी परिचित है। साहस और देश प्रेम उनके जीवन की कहानी है। देश में प्राचीन काल से ही नारियों का सम्मान होता रहा है। जहां नारियों की पूजा होती है वहां भगवान वास करते हैं। सनातन धर्म में हमेशा से नारियों का सम्मान रहा है। महारानी दुर्गावती जैसी कई वीरांगनाएं रही हैं जिनका गौरवपूर्ण इतिहास है। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में जनजाति समाज का बड़ा योगदान रहा है परंतु इतिहास में जितना सम्मान उनको मिलना चाहिए उतना नहीं मिल सका। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने जनजातियों को समझा और उनकी चिंता की, उन्हें सम्मान दिया और उनके विकास के लिए काम किया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास में पैसे का अभाव नहीं होगा। उन्होंने पढ़ाई पर विशेष जोर देते हुए कहा कि सरकार लगातार पढ़ाई के क्षेत्र में काम कर रही है। जनजाति समाज के लिए प्रयास संस्था चल रही है उसके 14 और केंद्र खोलने का प्रयास चल रहा है। प्रतियोगी परीक्षाओं में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए दिल्ली में हॉस्टल की व्यवस्था की गई है। वह 50 सेट को बढ़ाकर 185 सेट कर दिया गया है। अब छत्तीसगढ़ के 185 जनजाति वर्ग के बच्चे वहां रहकर कोचिंग का लाभ ले पाएंगे। उन्होंने पूरे प्रदेश का सर्वांगीण विकास किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि सबसे बड़े हिंदू आदिवासी हैं। देश को तोड़ने के लिए अनेको विधर्मी लगे हुए हैं। उसे तोड़ने का काम जनजाति समाज कर रहा है। मुख्यमंत्री ने अंबिकापुर के एसएलआरएम केंद्र में पानी की कमी सामने आने पर सभी सेंटरों में वाटर कूलर लगाने के निर्देश दिए। इसके साथ-साथ गोंड समाज के सामुदायिक भवन के लिए 50 लाख रुपए स्वीकृत की घोषणा की।