22 November 2024
आध्यात्मिक संवाद… विद्वान जनों ने कहा…गीता ज्ञान सिर्फ मोक्ष प्राप्त करने का साधन नहीं…गीता ज्ञान का उपदेश सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याण हेतु अमूल्य
आयोजन आस्था राज्य

आध्यात्मिक संवाद… विद्वान जनों ने कहा…गीता ज्ञान सिर्फ मोक्ष प्राप्त करने का साधन नहीं…गीता ज्ञान का उपदेश सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याण हेतु अमूल्य

नवरात्रि के पावन अवसर पर महामना मालवीय मिशन सरगुजा के तत्वावधान में आध्यात्मिक संवाद स: गीता पाठ का आयोजन

अंबिकापुर.महामना मालवीय मिशन सरगुजा के तत्वावधान में नवरात्रि के पावन अवसर पर डॉ अनिल सिन्हा के निवास स्थान पर आध्यात्मिक संवाद स: गीता पाठ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर गीता के अध्याय पन्द्रह का सस्वर पाठ एवं संदर्भित संदर्भों पर नगर के विद्वतजनों द्वारा व्याख्यान दिया गया। डॉ अजय तिवारी ने कहा कि आध्यात्मिक संवाद में सहभागी होने से व्यक्ति का अन्तर्मन निर्मल होता है। व्यक्ति सद्क्रम की ओर प्रेरित होकर सकारात्मक कार्य करता है जिससे व्यक्ति और समाज दोनों को लाभ मिलता है। इस लिए ऐसे अनुष्ठान होते रहना चाहिए। अवकाश प्राप्त पुलिस अधीक्षक पं. ललित मोहन तिवारी ने कहा की गीता ज्ञान का उपदेश भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को माध्यम बनाकर सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याण हेतु अमूल्य बातें बताई है जो व्यक्ति इसका अनुश्रवण करता है तथा जहां गीता का पाठ होता है वह स्थान भी साकारात्मक ऊर्जा का केंद्र बनाने लगता है। इसलिए अपने निवास गृह में गीता पाठ रूपी कार्यक्रमों का आयोजन करवाना चाहिए। और इसमें परिवार के सभी सदस्यों को बैठना चाहिए। शिक्षाविद् ब्रह्म शंकर सिंह ने कहा कि गीता अध्ययन के लिए व्यक्ति को अपने चौथेपन का इंतजार नहीं करना चाहिए। गीता ज्ञान सिर्फ मोक्ष प्राप्त करने का साधन नहीं है। युवा अवस्था में व्यक्ति ज्यादा सक्रिय होकर कार्य करता है इसलिए इस अवस्था में गीता के प्रति उसकी जितना आकर्षक होगा उतना ही सही कार्य करेंगे। यहां तक की व्यभिचार और भ्रष्टाचार जैसी अवगुणों से दूर रहेगा। जिससे सम्पूर्ण समाज को लाभ मिलेगा। अन्ठानवें वर्षीय रामजतन सिन्हा ने भजन के माध्यम से गीता ज्ञान पर प्रकाश डाला। श्री सिन्हा ने कहा कि व्यक्ति में सात्विक प्रवृत्ति की अवधारणा सत्संग से बनता है। सत्संग में जाना और वहां बैठने मात्र से व्यक्ति का विचार बदलने लगता है। उसकी अन्तर्मन की शुद्धता बढ़ने लगती है। जिससे वह व्यक्ति सदाचारी हो जाता है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए राज नारायण द्विवेदी ने कहा महामना मालवीय मिशन का यह अनुष्ठान विगत बारह वर्षों से चल रहा है जो प्रति सप्ताह नियत समय तिथि पर किया जाता है। यह कुटुम्ब प्रबोधन का बहुत अच्छा और सशक्त माध्यम है। परिवार से समाज और समाज से राष्ट्र निर्माण होता है। परिवारिक वातावरण जब अच्छा होगा तो समाज और राष्ट्र दोनों को लाभ मिलेगा। कार्यक्रम में पं.दुर्गा प्रसाद तिवारी, राज कुमार गुप्ता पं. राम नारायण शर्मा, आर एन अवस्थी और डॉ अनिल सिन्हा ने भी विचार व्यक्त किया। आभार प्रदर्शन संस्था के महासचिव सुरेन्द्र गुप्ता ने किया। कवि प्रकाश कश्यप और मुकुन्द लाल साहु ने कविता के माध्यम से गीता का संदेश दिया। कार्यक्रम में मदन मोहन मेहता, डॉ उमा सिन्हा, अशोक सोनकर सचिदानंद पान्डेय, जय प्रकाश चौबे बी एल गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

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