अंबिकापुर: शासकीय भूमि का फर्जी तरीके से पट्टा बनवा कर दूसरे को बेचने और विरोध करने पर जान से मारने की धमकी देने के मामले में मंगलवार को मैनपाट के सपनादर के ज्ञानी यादव के साथ दर्जनों ग्रामीण ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की है। साथ ही पटवारी और तहसीलदार पर भी मिली भगत कर फर्जी तरीके से पट्टा बनाने का आरोप लगाया है। दरअसल, ग्राम पंचायत सपनादर तहसील सीतापुर में ज्ञानी यादव के पिता पिछले 60 वर्षों से रोपाखार के खसरा नंबर 39 रकबा 1.22 एकड़ पर खेती किसानी के साथ पशु पालन का काम करते थे, इसी भूमि पर इनका मकान भी है। लेकिन बाद में पडोस के गांव के हरिनंदन ने आपसी विवाद के कारण इस भूमि का फर्जी तरीके गलत दस्तावेज देकर प्रसासनिक अधिकारियों से मिली भगत कर जमीन का पट्टा बनवा लिया और ज्ञानी यादव के काबिज जमीन पर कब्जा करने के लिए विवाद करने लगा। कुछ दिनों तक विवाद चला जिसका बाद पैसे की चालच में हरिनंदन ने अंबिकापुर के रमेश कुमार अग्रवाल को 2006 में जमीन बेच दी। विवाद उस समय खड़ा हुआ जब कुछ महीने पहले रमेश अग्रवाल जेसीबी मशीन लेकर ज्ञानी यादव के काबीज जमीन पर अपना अधिकार बताते हुए कब्जा करने पहुंचे। जिसके बाद दोनों पक्षों में विवाद हुआ। फिलहाल मामले की जांच के लिए तहसीलदार को दोनों पक्षों ने आवेदन दिया है, जिसकी जांच की जा रही है।
फर्जी पट्टे को निरस्त करने की मांग, कलेक्टर ने दिया आश्वासन
इधर, फर्जी तरीके से पट्टा बनवा कर दूसरे को जमीन बेचने के मालमें में परेशान ज्ञानी यादव पिता जगरोपन के साथ अवधेश यादव के साथ कलेक्टर के जनदर्शन में पहुचे ग्रामीणों ने कलेक्टर से मामले में निष्पक्ष जांच करा कर बनाए गए फर्जी पट्टे को निरस्त करने की मांग की है। जिस पर कलेक्टर ने मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
अपर कलेक्टर कोर्ट में चल रहा है मामला, वहीं के निर्णय के आधार पर होगी आगे की कार्रवाई: तहसीलदार
मामले में मैनपाट के तहसीलदार प्रांजल गोयल ने बताया कि जमीन विवाद का मामला अपर कलेक्टर कोर्ट में चल रहा है। तहसील कार्यालय में भी आया था, रमेश अग्रवाल द्वारा रजिस्ट्री से जमीन खरीदी गई है। फिलहाल अपर कलेक्टर कोर्ट के निर्णय के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।