अम्बिकापुर।30 सितंबर 2023 से हैदराबाद मे गैलरी 78 में शहर के चित्रकार पूनम जैन विश्वास की समुह प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। जिसमे 4 कलाकार है जिसका आयोजन क्यूरेटर व कलाकार श्रीमती अमन प्रीत कौर द्वारा किया जा रहा है। अम्बिकापुर से पूनम जी के कुल 6 चित्रों को प्रदर्शित किया जाना है ।सभी चित्र एक्रेलिक व केनवास में चटक रंगों के इस्तेमाल कर बनाये गए है। जो अमृतन चित्र को चित्रित किया है उस विषय मे पूनम जी बताती है। चित्रकला की शुरुवात उनके बचपन से ही हुई है।अभी तक के कला यात्रा में उन्हीने अनेक तरह से प्रयोग किये। अंततः उन्हें अपने कामो में यहाँ आकर एक अनुभव हुआ जो कि मनुष्य को अपने ही अंतर मन मे होने वाले कौतूहल को अपने भाषा मे केनवास पर चित्रित करने का प्रयास करती रहती है। जिस प्रकार मनुष्य के शरीर मे लाखो सेल्स काम करती है एक पूरा बह्मांड में मानव शरीर की रचना एक अबूझ पहली की तरह है उसी प्रकार बह्मांड में भी मानव जीवन किस रूप में कहा ,क्यो , सृष्टि का निर्माण हुआ ये भी आज तक विज्ञान अपने खोज में है। इस संसार को रचने वाले प्रभु या जिन शक्तियों द्वारा रचा गया है वो भी सामान्य मानव के लिए अबूझ है। ओर साथ ही साथ वास्तविक जीवन मे पड़ने वाले प्रभावों को हम ग्रह नक्षत्र के घटने वाले घटनाओं को भी हम नजर अंदाज नही कर सकते। इन विचारों के इर्दगिर्द पूनम जी के कामस्वतः विचरण करते रहते है।
दो बच्चों के साथ अपने काम को करना आसान नही होता ,परन्तु अगर अपने ठान लिया तो कुछ भी असंभव नही है। बस इसी सोच के साथ अपने काम को करती जाती है। ये सभी के लिए प्रेरणा दायक है।
एक प्रश्न जब हमने पूनम जी को पूछा कि आपके एक चित्र का शीर्षक चंद्रयान 3 क्यो है?
उनका उत्तर कुछ इस प्रकार था हमारे भौतिक जीवन मे बहुत से ऐसे रहस्य आज भी है जिनकी खोज लगातार जारी है। जब ये चित्र निर्माण मेरे द्वारा हो रहा था तब मेरे मन मे वो विचार उत्पन्न हो रहे थे कि क्या चंद्रमा पर जीवन हो सकता है। अगर है तो वो कैसे होगा। ये पूरा संसार रहस्यों से भरा है तो इसी विचार को लेकर मेने ये चित्र को डालने तरीके से एक रूप देने का प्रयास किया है। चित्रों में बिंदु का उपयोग मेने एक जप के तौर पर किया है जब मैं ये बिंदु को रखती हुँ तो मैं आत्मचिंतन में होती हुँ ओर काम स्वयं अपने आप होता जाता है।