कुसमी। बारिश ना होने के कारण खरीफ यानी धान की खेती करने वाले किसान चाहते हुए भी असहाय बने थे कारण जमीन में नमी ना होने से खेत की जुताई संभव नहीं हो पा रही थी जबकि उन्हें जून माह के प्रथम सप्ताह में ही धान की नर्सरी कर डालनी थी आज गुरुवार को हुई बारिश से किसानों में बहुत राहत हुई है व खेती की जुताई करके उसे तैयार कर लेंगे जिस रोपाई के समय किसानों को कठिनाई नहीं होगी। बलरामपुर जिले में किसान प्रमुख रूप से धान की खेती करते हैं खरीफ के सीजन में लगभग कुसमी विकासखंड में 30 से 35 लाख हेक्टेयर भूमि पर किसान धान की खेती करते हैं अगर समय से बारिश हो जाए तो मई माह के दूसरे सप्ताह से किसान खेती की जुताई करके उसे तैयार करने में जुट जाते हैं समय से खेत की जुताई होने से पुराने खरपतवार धूप में जलकर नष्ट हो जाते हैं वहीं आकर खरपतवार का जमा हो जाता है जिससे रोपाई से पहले जूता ही करके किसान नष्ट कर देते हैं लेकिन अप्रैल और महिमा में कई दिन बीत जाने के बाद बारिश शुरु हुई है कुछ इलाकों में कम तो कहीं कहीं अधिक बारिश हुई है जिससे किसानों को राहत मिली है बारिश के बाद वह खुश हो गए हैं अब खेत की जुताई हो जाएगी जिससे वह खेत को तैयार करके धान की नर्सरी डाल सकेंगे वहीं सब्जी की खेती करने वाले किसान भी अब जुताई करके सब्जी की खेती कर सकेंगे , खटीमा क्षेत्र के किसान विजय गुप्ता , सत्येंद्र उरांव ,बिगन लोहार इत्यादि ने बताया कि बारिश पहले ही गिर जाना चाहिए था लेकिन लेट लतीफ से बारिश आने के बाद भी खेती संभव हो जाएगा।
उप संचालक कृषि बलरामपुर शिवकुमार प्रसाद.- उन्होंने बताया कि बारिश इसी मौसम में आता है फिलहाल अभी बीते वर्ष के अपेक्षा कम बारिश हुई है शासन के द्वाराआकस्मिक कार्य योजना बनाए जाने की चर्चा हो रही है जैसा निर्देश होगा तो उसका पालन किया जाएगा जो किसानों के हित में होगा।