मो. हदीस
सीतापुर। हाइब्रिड धान के नाम पर छला गया किसान आज धान सहित एस डी एम कार्यालय पहुचां और उन्हें धान दिखाते हुए अपने साथ हुए इस धोखाधडी की लिखित शिकायत कर उचित कार्रवाही कि मांंग किया।
गौरतलब है कि मानसून के दस्तक देते ही हाइब्रिड धान कि बाढ़ आ गयी है। तरह तरह के सैकड़ो कम्पनीओ का हाइब्रिड धान दुकानदार बेच रहे है। जहां यह बताना मुश्किल हो गया कि कौन सा धान गारंटी वाला है । वर्षा होते ही क्षेत्र के किसान खेती को लेकर सक्रिय हो गये है और वे अपने खेतों मे धान बुआई हेतु दुकानों से हाइब्रिड धान खरीद कर बोने कि तैयारी कर रहे है।लेकिन उन्हें क्या पता कि वे जिस हाई ब्रीड धान की खरीदी कर रहे है उसमें नकली व बिना गारंटी वाला भी धान है।
ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत ढेलसारा के आदिवासी किसान शिवलाल का है ।उसने बताया की सप्ताह भर पहले उसने बाबा कृषि केंद्र दुकान से तीन हजार रुपये के तीन पैकेट ,श्रीकर 369 गोल्ड ,नामक हाइब्रिड धान ख़रीदा। किंतु उसमें जरिया नहीं आया बल्कि धान से सड़न की बदबू आने लगी ।
उसने बताया कि पानी मे भिगोकर तीन दिन बोर मे रखने के बाद् भी उसमें जर्मी नेशन नहीं हुआ तथा उसमें से दुर्गन्ध आने लगा। तब उसने धान लेकर दुकानदार के पास पहुचां जहा दुकानदार ने धान वापस लेने से साफ इंकार कर दिया और उसे यह कहकर भगा दिया कि इसकी कोई गारंटी नहीं है। यह सुन किसान मायूस हो गया और धान सहित एस डी एम के पास जा पहुचा, और वह एसडीएम रवि राही को धान दिखाते हुए रो पड़ा और इसकी लिखित शिकायत सौप कर न्याय कि गुहार की। इस पर एस डी एम रवि राही ने सेम्पल जांच कर दोषी पर उचित कार्रवाही कि बात कहीं है।
आगे कि कार्रवाही क्या होता है से तो समय बताएगा फिलहाल एक सवाल उसके भविष्य पर अवश्य खड़ा हो गया है कि, एक गरीब किसान पुनः खेत मे बोने हेतु धान खरीदने के लिए इतनी मोटी रकम कहा से जुटाएगा।