अंबिकापुर. जिले के हसदेव अरण्य क्षेत्र में अदाणी फाउंडेशन द्वारा सामुदायिक कल्याण की प्रतिबद्धता के तहत दो वर्ष पूर्व शुरू की गई पशुधन विकास परियोजना बदस्तूर जारी है। राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की खदान परसा ईस्ट कांता बासन (पीईकेबी) परियोजना के निकट के ग्रामों में मवेशियों के विकास की यह विशेष परियोजना पशुधन नस्लों के उत्थान के लिए बनाई गई है, जो आसपास के गांवों में मवेशी मालिकों को आर्थिक और सामाजिक लाभ के लिए मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है।
पशुधन विकास परियोजना के तहत, पशुधन विकास के विभिन्न पहलुओं को एकीकृत करने के लिए एक भागीदारी दृष्टिकोण अपनाया जाता है। इस पहल का उद्देश्य कृत्रिम गर्भाधान, बांझपन उपचार, टीकाकरण, कृमि मुक्ति, प्राथमिक चिकित्सा और सामान्य स्वास्थ्य जांच जैसी सेवाओं के माध्यम से मवेशियों की नस्ल को बढ़ाना है। इससे पशुपालकों के बीच सकारात्मक विकास होता है। साथ ही दूध देने वाले मवेशियों की उचित देखभाल भी सुनिश्चित करने का प्रयास करती है, जिसके परिणामस्वरूप दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलता है।
अपनाया क्षेत्र का विस्तृत दायरा
परियोजना का दायरा उदयपुर और प्रेमनगर ब्लॉक सहित सरगुजा और सूरजपुर जिलों तक फैला हुआ है। इस पहल से कई गांवों को फायदा हुआ है, जिनमें परसा, साल्ही, बासेन, हरिहरपुर, चकेरी, जनार्दनपुर, तारा, शिवनगर, सैदु, सुस्कम, परोगिया, घाटबर्रा, फत्तेहपुर, दंडगांव, गुमगा, सलका, चंदन नगर और सालबा शामिल हैं।
व्यापक सेवाएँ प्रदान करना है लक्ष्य
पशुधन विकास परियोजना ने लक्षित गांवों में पशु मालिकों को विभिन्न सेवाएं प्रदान करके पहले ही महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है, जिसमें कृत्रिम गर्भादान (एआई) : 174,सामान्य स्वास्थ्य जांच एवं चिकित्सा उपचार : 630,इयर टैगिंग : 318,बांझपन का इलाज : 83,टीकाकरण : 255,कृमि मुक्ति : 324 सेवाएं प्रमुखता से प्रदान की गई हैं.अदाणी फाउंडेशन की प्रतिबद्धता के अनुरूप क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका उन्नयन और अधोसंचना विकास जैसे कार्यक्रमों से एक मजबूत और टिकाऊ सामुदायिक विकास के लिए संचालित की जा रही है, जिसमें पशुधन विकास परियोजना क्षेत्र में पशुधन कल्याण और आर्थिक सशक्तिकरण के महत्वपूर्ण पहलुओं को सम्बल प्रदान रहा है। जैसे-जैसे परियोजना आगे बढ़ेगी, इससे पशुपालकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है, जिससे क्षेत्र की समग्र समृद्धि में योगदान मिलेगा। इसके साथ ही स्वास्थ्य की गुणवत्ता के लिए ग्रामों में मोबाईल मेडिकल यूनिट के माध्यम महिलाओं और बुजुर्गों को घरबैठे ही निःशुल्क ईलाज और आवश्यक दवाओं का वितरण भी किया जा रहा है।