प्रतापपुर। विकासखंड के ग्राम पंचायत दूरती का उप स्वास्थ्य केंद्र का मामला सामने आया है।आयुष्मान आरोग्य मंदिर के तहत संचालित आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का नाम बदलकर आरोग्यं परमं धनम् टैगलाइन के साथ आयुष्मान आरोग्य मंदिर कर दिया गया। इस मंदिर में पुजारी नहीं बल्कि डॉक्टर होते हैं, जो गरीबों का मुफ्त में इलाज करते हैं। इसी कड़ी में एक और चीज जुड़ चुकी है, वो है आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन। वही जिले में स्वास्थ्य महकमे के रिकॉर्ड स्तर पर सेंटर खोले गए हैं। ग्रामीण इलाकों में मरीजों को प्राथमिक उपचार देने के लिए ये सेंटर बनाए गए हैं, पर इनकी खुद की हालत खराब है। इन सेंटरों पर स्वास्थय कर्मचारी समय पर कभी नहीं पहुंचते हैं। हालांकि विभाग द्वारा जिले के सेंटरों पर कई स्तर के स्वास्थ्य कर्मचारी की तैनाती की गई हैं लेकिन ये कर्मचारी कभी भी समय पर नहीं पहुंचते, वहीं अधिकांश सेंटर बंद पड़े रहते हैं। जबकि, प्रति माह प्रत्येक कर्मचारी को स्तर के अनुसार सरकार लगभग 30 हजार रुपये की शुरूआती खर्च करती है। ठीक ऐसा ही प्रतापपुर क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है जहां उप स्वास्थ्य केंद्र दुरती में हमेशा ताला लटका रहता है और पीड़ित मरीज बाहर बैठकर स्वास्थ्य कर्मचारियों के आने का घंटो इंतजार करते रहते हैं,लेकिन मजाल है की दिन के 12 बजे से पहले उप स्वास्थ्य केंद्र दूरती का ताला खुल जाए।
तैनात है चार कर्मचारी फिर भी पड़ा रहता है ताला
प्रतापपुर स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत उप स्वास्थ्य केंद्र दूरती में प्रमुख रूप से चार स्वास्थ्य कर्मचारी कार्य करने तैनात है जो की साफ साफ बोर्ड पर अंकित है जिनमें श्रीमती पार्वती राजवाड़े आर.एच.ओ. रामप्रताप गुप्ता आर.एच.ओ., श्रीमती लीलावती राज. ए.एन.एम , कु. सुगन्ती बखला सी.एच.ओ है। फिर भी मजाल है की समय से उप स्वास्थय केंद्र उपस्थित होकर ताला खोल पाए ।जहा पीड़ित मरीज बाहर बैठकर घंटो इंतजार करते रहते की साहब आयेंगे तो हम इलाज करवाएंगे जहा12 बजे दिन तक उप स्वास्थ्य केंद्र दूरती का नहीं खुला ताला और पीड़ित करते रहें इंतजार।
मामला गंभीर होगी होगी कार्रवाई
स्वास्थ्य अधिकारी प्रतापपुर डॉक्टर विजय सिंह ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है यदि ऐसा हो रहा है तो मै इस विषय को तत्काल संज्ञान में लेकर जांच करवाता हूं और ऐसा कर्मचारियों के ऊपर कड़ी कार्यवाही भी सुनिश्चित की जायेगी।