अंबिकापुर।सरगुजा जिले में इंजीनियरों का नायाब सड़क बनाने के तरीके ने खूब सुर्खियां बटोर रही है. जहाँ पहाड़ी क्षेत्र में सड़क बनाने के लिए बिछाए गए गिट्टी और पुल पहली ही बारिश में बह गया. जिसकी वजह से 16 गांव का संपर्क जनपद मुख्यालय से टूट गया है. वहीं ग्रामीणों को 14 किलोमीटर के सफर के बजाय 40 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ रहा है.
सरगुजा जिला मुख्यालय से 65 से 70 किलोमीटर दूर ग्राम पेंट में पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा सड़क का निर्माण कराया जा रहा है. ग्राम पेंट से नर्मदापुर पहुंच मार्ग बनाने की कवायद पीडब्ल्यूडी विभाग की मदद से करोड़ों रुपए की लागत से बनाने का कार्य चल रहा है. लेकिन इंजीनियरों को यह भी पता नहीं है कि पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क बनाने से पहले पानी निकासी के लिए नाली बनाने की अत्यंत आवश्यक है. बावजूद इसके नाली निर्माण के बजाय सड़क में गिट्टी बिछाने का काम किया गया. लेकिन पहली बारिश नहीं पूरे सड़क को बहाकर ले गई साथ ही पुल के लिए लगाए गए पाइप व साइड वॉल भी पानी के तेज बहाव से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. जिसकी वजह से 16 गांव के लोगों को जनपद मुख्यालय का सफर करने के लिए 40 किलोमीटर का सफर करने को मजबूर हैं. वही ग्रामीण भी मांग कर रहे हैं कि सड़क से पहले नाली निर्माण का कार्य होना बेहद जरूरी है. जिससे कि सड़क बहने की नौबत ना आ सके.
बहरहाल पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा पहाड़ी क्षेत्र में बनाए जा रहे सड़क में लगे जनता के टैक्स के पैसों का कैसे दुरुपयोग किया जाता है. इससे बेहतर दूसरा उदाहरण कहीं नहीं मिल सकता क्योंकि इंजीनियरों की और विभाग के आला अधिकारियों की सड़क के बनने से लेकर आने वाले समय में किस तरीके से सड़क की गुणवत्ता रहनी चाहिए, इस पर विशेष ध्यान दिया जाता है. बावजूद इसके इस सड़क को बनाने के लिए ऐसी कोई तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया गया. यही वजह है कि पहली बरसात ने सड़क को बहाकर ले गई. जिससे 16 गांव का जनपद मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है।
अधिकारी कह रहे हैं सड़क को बेहतर बनाने करेंगे चर्चा
इधर अनुभाग अधिकारी रवि राही ने कहा कि सड़क बहने की जानकारी मुझे मिली है. जिसके लिए जिम्मेदार विभाग को सड़क सुधारने का कार्य करने के लिए कहा जाएगा साथ ही सड़क को बेहतर कैसे बनाया जाए इस पर भी विभाग के अधिकारियों से चर्चा की जाएगी.