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अम्बिकापुर।राजमोहिनी देवी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, अंबिकापुर में एक दिवसीय कार्यरत अधिकारी मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम अधिष्ठाता डॉ. एस.के. सिन्हा की अध्यक्षता में संपन्न हुआ, तथा अधिष्ठाता द्वारा मधुमक्खी पालन करके किसान अपने दैनिक जीवन में किस प्रकार से आय प्राप्त करके अधिक लाभ ले इसके बारे में प्रकाश डाला । वैज्ञानिक विधि से मधुमक्खी पालन करने से किसानों को निश्चित लाभ होगा इसके बारे में लुण्ड्रा एवं उदयपुर क्षेत्र से आए हुए 15 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को विस्तृत जानकारी दिया गया। इस कार्यक्रम के संयोजक एवं मुख्य अन्वेषक डॉ. पी.के. भगत के द्वारा छत्तीसगढ़ के उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र में मधुमक्खी पालन कि अपार संभावना के बारे में विस्तृत जानकारी ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को दिया। डॉ. के.एल. पैंकरा के द्वारा मधुमक्खी में लगने वाले रोग एवं कीट के बारे में विस्तृत जानकारी दिया तथा डॉ. जी.पी. पैंकरा के द्वारा मधुमक्खी पालन एवं उनके उत्पाद तथा उनके महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी दिया गया।साथ ही डॉ. स्नेहा तिवारी के द्वारा मधुमक्खी पालन के लिए स्थान का चयन के बारे में जानकारी दिया गया। डॉ. सचिन कुमार जायसवाल के द्वारा मधुमक्खी के विभिन्न प्रजातियां तथा रानी, नर एवं श्रमिक मधुमक्खी के पहचान एवं उनका जीवन चक्र के बारे में जानकारी दिया गया। वैभव जायसवाल के द्वारा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को प्रक्षेत्र भ्रमण कराया गया, जिसमें मधुमक्खी के विभिन्न पाले जाने वाले प्रजातियों के बारे में बताया गया तथा मधुमक्खी पालन करने के लिए विभिन्न प्रकार के फूलों की खेती के बारे में विस्तृत जानकारी दिया गया।