Sarguja express….
रामानुजगंज. जल संसाधन विभाग द्वारा लगभग 9 करोड़ रुपये की लागत से कन्हर नदी पर एनीकट का निर्माण कराया गया था, ताकि नगर की जलापूर्ति व्यवस्था मजबूत हो सके तथा बरसाती जल का बेहतर संचय किया जा सके। किंतु विभागीय लापरवाही के कारण बरसात से पूर्व एनीकट के सभी गेट समय पर नहीं खोले गए, जिसका प्रतिकूल असर सीधे एनीकट की स्टोरेज क्षमता पर पड़ा है। वर्तमान स्थिति यह है कि एनीकट अपनी कुल क्षमता का केवल 40 प्रतिशत जल ही संचित कर पा रहा है, जबकि शेष 60 प्रतिशत क्षेत्र में भारी मात्रा में रेत जम गई है।
कन्हर नदी पर ही नगर की लगभग 25,000 की आबादी की नियमित जलापूर्ति निर्भर करती है। ऐसे में एनीकट में स्टोरेज क्षमता का घट जाना गंभीर चिंता का विषय है। यदि जल संग्रहण कम हुआ तो गर्मी के मौसम में पेयजल संकट और अधिक गहराई ले सकता है तथा नगरवासियों को नियमित जलापूर्ति बनाए रखना कठिन हो जाएगा। वर्तमान स्थिति यह भी दर्शाती है कि यदि समय रहते एनीकट की साफ-सफाई और रखरखाव किया जाता, तो रेत जमाव को रोका जा सकता था और जलस्तर प्रभावित नहीं होता।
परिस्थिति को देखते हुए आवश्यक है कि एनीकट में भरी रेत को जल्द से जल्द निकाला जाए, जिससे उसकी मूल जलधारण क्षमता पुनः स्थापित हो सके। रेत हटने से न केवल जलस्तर बढ़ेगा बल्कि भविष्य की जलापूर्ति व्यवस्था भी सुचारू रूप से चल सकेगी। इसके साथ ही जल संसाधन विभाग को इस दिशा में स्थायी समाधान की ओर भी कदम उठाने होंगे, जैसे—बरसात पूर्व गेटों की अनिवार्य रूप से जांच और खोलने की प्रक्रिया सुनिश्चित करना, नदी तल की समय-समय पर सफाई करना तथा एनीकट के रखरखाव को नियमित रूप से प्राथमिकता में रखना।
कुल मिलाकर, एनीकट में रेत हटवाना अत्यंत आवश्यक है ताकि नगर की जल आवश्यकता बिना बाधा पूरी होती रहे और भविष्य में जल संकट की संभावनाओं को समाप्त किया जा सके।

