अंबिकापुर। जिले के युवाओं की प्रतिभा तराश कर उन्हें प्रदेश के विकास से जोड़ने के लिए बनाई गई युवा मितान क्लब योजना प्रदेश में अफसरों की सांठगांठ से शासकीय राशि की बंदरबाट का शिकार हो गई है। राज्य सरकार ने इसके लिए 132 करोड रुपए जारी किए थे। योजना के तहत 25000 रुपए प्रतिमाह युवा क्लबों पर खर्च करने का प्रावधान था। लेकिन इसे कहा खर्च किया गया? कितने सांस्कृतिक आयोजन हुए,कितने युवाओं की प्रतिभाओं को तराशा गया, और इस योजना से प्रदेश का कितना विकास हुआ? इसी पर प्रश्नचिंह लग रहे है। योजना में बिना आयोजन के ही फर्जी रिपोर्ट के आधार पर पैसा निकालने की आशंका जताई जा रही है। अब खेल व युवा कल्याण विभाग ने सभी जिला प्रशासन से योजना के संबंध में लिखित जवाब मांगा है। जिसके बाद सरगुजा जिले में भी हड़कंप मच गया है। जिले मे योजना से जुड़े जिम्मेदार अफसर जानकारी जुटा रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक सरगुजा जिले में लगभग 35 लाख रुपय सरेंडर किए गए है।
गौरतलब है कि सरकारी पैसों के बंदर बांट के कई उधारण मिलते हैं। सरकारें योजनाएं बनाती है इनमें से कुछ भ्रष्टाचार का शिकार हो जाती है। प्रदेश में पहले की कांग्रेस सरकार ने राजीव युवा मितान क्लब योजना बनाई थी जिसका उद्देश्य युवा प्रतिभाओं को तराश कर मंच देना और उनकी उर्जा का उपयोग करना था। इस योजना के अंतर्गत न्यूनतम 20 वर्ष और अधिकतम 40 वर्ष के युवाओं को लिया जाना था। योजना के अंतर्गत सरगुजा जिले में कुल 491 राजीव युवा मितान क्लब बनाए गए थे। जिनमें 439 ग्रामीण क्षेत्रों में 52 शहरी क्षेत्रों में बने थे। वहीं नगर पंचायत लखनपुर और सीतापुर में दो दो क्लब बनाए गए थे। क्लबों के माध्यम से खेल वसांस्कृतिक गतिविधियां संचालित करने सरगुजा जिले को योजना के तहत चार करोड़ 91 लाख रुपए मिले थे। योजना से जुड़े खेल एवं युवा विभाग के अफसरों ने बताया कि शासन के आदेश के बाद रुपए कहा खर्च किए गए संबंध में प्रतियोगिता प्रमाण पत्र की जानकारी लेकर शासन को भेजा जा रहा है वही 3500000 रुपय सरेंडर किया गया है।